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कॉलेजों में शोभा की वस्तु बनी लालू प्रसाद की खरीदी हुई बसें, प्राचार्य लगा रहे गुहार

चार साल पहले लालू यादव द्वारा सांसद निधि से खरीदी गई बसें अब कॉलेज में शोभा की वस्‍तु बन गई है। अब धीरे-धीरे खराब होने लगी है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sat, 16 Jun 2018 06:33 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jun 2018 10:40 PM (IST)
कॉलेजों में शोभा की वस्तु बनी लालू प्रसाद की खरीदी हुई बसें, प्राचार्य लगा रहे गुहार
कॉलेजों में शोभा की वस्तु बनी लालू प्रसाद की खरीदी हुई बसें, प्राचार्य लगा रहे गुहार

छपरा [जेएनएन]। चार वर्ष पूर्व राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद द्वारा सांसद निधि से खरीदी गई बसें अब विभिन्न कॉलेज व विद्यालयों की शोभा की वस्तु बन कर रह गई हैं। बसों को नहीं चलाने के कारण वह अब धीरे-धीरे खराब होने लगी है। लेकिन इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। बसें चलाने में अक्षम साबित हो रहे प्राचार्य इसे वापस करने के लिए गुहार भी लगा चुके हैं।

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विदित हो कि चार वर्ष पूर्व तत्कालीन सांसद राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद ने अपने संसदीय क्षेत्र के उच्च विद्यालयों एवं कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को लाने ले जाने के लिए बस खरीद कर दी थी। सांसद निधि से लालू प्रसाद ने 70 बसों को खरीद कर उसे वितरित किया था। लेकिन बसों के चलाने में करीब 48 विद्यालयों व कॉलेजों के प्राचार्य अक्षम साबित हो गए।

उन्होंने बसों को वापस करने के लिए जिला योजना अधिकारी के पास पत्र भी भेज दिया। इस बसों की स्थिति देख प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल ने राज्य सरकार के पास पत्र भेजा कि इन बसों को वापस लेकर बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के माध्यम से चलाई जाए। बताया जाता है कि आयुक्त ने तो पत्र भेज दिया। लेकिन राज्य सरकार ने इससे संबंधित कोई आदेश अभी तक नहीं दिया है। जिससे बसों को वापस नहीं मंगाया जा रहा है।

उधर, लालू प्रसाद द्वारा खरीदी गई बसें अधिकांश कॉलेजों व विद्यालयों की शोभा बढ़ा रही है। बसों को वापस नहीं मंगाने से प्राचार्य असमंजस में पड़े हुए हैं। लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इन बसों को परिवहन विभाग को देने के लिए सरकार के पास कई बार पत्राचार भी किया जा चुका है। लेकिन अभी तक इसमें कोई कार्रवाई ही नहीं हुई।

इस संबंध में जिला योजना अधिकारी ने बताया कि इन बसों को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त के माध्यम से सरकार के पास पत्राचार किया गया है। लेकिन सरकार से कोई आदेश नहीं मिलने के कारण स्थिति यथावत बनी हुई है। सरकार का आदेश मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।


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