युगद्रष्टा थे लोक कवि भिखारी ठाकुर
लोक कवि व भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की 49 वीं पुण्यतिथि ठाकुर चौक पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने समारोह पूर्वक मनाई। भिखारी ठाकुर के आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया गया।
सारण । लोक कवि व भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की 49 वीं पुण्यतिथि ठाकुर चौक पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने समारोह पूर्वक मनाई। भिखारी ठाकुर के आदमकद प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया गया। भिखारी ठाकुर लोक साहित्य एवं संस्कृति महोत्सव मंच, भिखारी ठाकुर विचारमंच व भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह में वक्ताओं ने कहा कि भिखारी ठाकुर युगद्रष्टा था। भिखारी ठाकुर अपने कला के माध्यम से पूरे विश्व में जीवित है। भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अखिलेश कुंवर भोलाजी ने कहा कि भिखारी ठाकुर ने कला के माध्यम से समाज की बुराइयों को खत्म करने का प्रयास किया। पीसी साइंस कॉलेज के पूर्व प्राध्यापक प्रो. योगेंद्र यादव ने कहा कि भिखारी ठाकुर के जीवन से हम सबों को प्रेरणा लेने की जरूरत है। कार्यक्रम में गर्ल्स स्कूल की शिक्षिका व गायिका प्रियंका सिंह ने भिखारी ठाकुर के गीतों को गाकर उपस्थित दर्शकों को भिखारी ठाकुर की याद ताजा कर दिया। ़िफल्म अभिनेत्री वैष्णवी ने कहा कि कलाकारों के लिए वे भिखारी ठाकुर प्रेरणा स्तोत्र है। इस मौके भिखारी ठाकुर के पौत्र राकेश ठाकुर, विनय ठाकुर ,राज किशोर प्रसाद, नाई महासभा के अध्यक्ष राजकिशेार कृष्णा कुमार वैष्णवी आदि मौजूद थे। वहीं भोजपुरी माटी के लाल एवं नारी व दलित विमर्श के उद़्घोषक भिखारी ठाकुर की पुण्यतिथि पर जदयू नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश सचिव शैलेंद्र प्रताप सिंह ने भिखारी ठाकुर को याद करते हुए कहा कि भोजपुरी भाषा के सशक्त कवि एवं नाटककार भिखारी ठाकुर थे। इनसेट :
सखिया सावन बहुत सरब सुहावन' रिमझिम बूंद परेला हे ..
-लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की पुण्य तिथि पर'वर्चुअल लोक-धुन महोत्सव प्रारंभ
जासं, छपरा : भोजपुरी लोक गायिका चंदन तिवारी ने सावन के महीने को देखते हुए भिखारी ठाकुर के -कजरी 'सखिया सावन बहुत सरब सुहावन' रिमझिम बूंद परेला हे .. सुनाया तो लोग झूम उठे। वे लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की पुण्यतिथि पर भिखारी ठाकुर रंगमंडल प्रशिक्षण एवं शोध केंद्र द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 'वर्चुअल लोक-धुन महोत्सव' के पहले दिन अपनी प्रस्तुति दी। पहले दिन तीन कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। महोत्सव का उद्घाटन कर निर्देशक जैनेन्द्र दोस्त के स्वागत भाषण के साथ रूपरेखा बताया। रामेश्वर गोप ने भिखारी ठाकुर के गीत -'पिया कहलन बहरा जाइब, कुछ दिन में लौट के आइब' .. ने भावपूर्ण अंदाज में प्रस्तुत किया।
महोत्सव में झारखंड के विपुल नायक ने भिखारी ठाकुर के कजरी सहित बेटी-बेचवा नाटक के गीतों पर बहुत ही उम्दा भाव नृत्य प्रस्तुत किया। उनका साथ उनके शिष्य रोहिणी नायर, आइबी चक्रवर्ती, विश्वजीत रंजन, सिधु बाला ने दी। वे भी अपने नृत्य से लोगों का मन मोह ली। वर्चुअल लोक-धुन महोत्सव में भारत, श्रीलंका, दक्षिण अफ़्रीका, अरब के दर्शक भी जुड़े थे।