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अग्नि पीड़ित परिवारों को 24 घंटे के अंदर उपलब्ध होगी सभी सहायता

अग्निपीड़ितों को 24 घंटे में सरकारी प्रावधान के मुताबिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश डीएम ने सभी सीओ को दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 05:54 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 05:54 PM (IST)
अग्नि पीड़ित परिवारों को 24 घंटे के अंदर उपलब्ध होगी सभी सहायता
अग्नि पीड़ित परिवारों को 24 घंटे के अंदर उपलब्ध होगी सभी सहायता

जागरण संवाददाता, छपरा : जिले में अग्निपीड़ित परिवारों को 24 घंटे में सहायता मुहैया कराया जाएगा। सभी प्रक्रियाएं पूरी कर पॉलिथिन शीट्स, खाद्यान्न, नगदी दी जाएगी। डीएम सुब्रत कुमार सेन ने सभी सीओ को इस आशय का निर्देश दिया है। इस कार्य में एसडीओ एवं आपदा प्रबंधन एडीएम को त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित कराने को कहा गया है।

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डीएम ने बताया कि कि आग लगने की घटनाओं में तीन हजार रुपये प्रति परिवार नकद, खाद्यान्न के लिए तीन हजार तथा कपड़े आदि के लिए 3800 रुपये दिया जाता है। अग्निकांडों में यदि किसी की झुलसकर मौत हो जाती है तो मृतक के आश्रितों को 4 लाख रुपये तत्काल देने का भी प्रावधान है। भीषण अग्निकांड की स्थिति में प्रभावित व्यक्तियों के लिए विशेष राहत शिविर का संचालन कराया जाता है। जिले में इसके लिए आपदा प्रबंधन आपातकालीन संचालन केंद्र भी स्थापित किया गया है।

इधर अग्निशमन प्रभारी ने बताया कि अग्निकांडों की रोकथाम में लोगों के बीच जागरूकता जरूरी है। दिन का खाना 9 बजे सुबह से पहले तथा रात का खाना शाम 6 बजे तक बना लेना चाहिए। खेतों में फसल काटने के बाद छोड़े डंठलों या जंगल-झाड़ में आग नही लगाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन बनाने के बाद चूल्हे की आग पूरी तरह से बुझा देना सुरक्षित रहेगा। घर यदि फूस-झोपड़ी की हो तो उसकी दीवाल पर मिट्टी का लेप अवश्य रहना चाहिए। रसोई घर की छत उंची रहे और आग बुझाने के लिए बालू या मिट्टी बोरे में भरकर तथा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें। दीया- मोमबत्ती को ऐसी जगहों पर नहीं जलाएं जहां से गिरकर आग लगने की आशंका हो। शार्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिग की समय-समय पर मरम्मत जरूरी है।

उन्होंने बताया कि पशु एवं मवेशियों को आग से बचाने के लिए मवेशी घर के आसपास पर्याप्त मात्रा में पानी का इंतजाम एवं सतत निगरानी करनी होगी। कनात अथवा टेंट के नीचे से बिजली के तार को नहीं ले जाएं। जलती हुई माचिस की तिल्ली अथवा अधजली बीड़ी एवं सिगरेट पीकर इधर-उधर नहीं फेकें।


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