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लंबित वादों की सुनवाई के लिए एडीजे से अनुरोध करेंगे

समस्तीपुर। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर एवं पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो की अध्यक्षता में सोमवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 संशोधन नियम 2014 एवं 2016 के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 11:45 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 11:45 PM (IST)
लंबित वादों की सुनवाई के लिए एडीजे से अनुरोध करेंगे
लंबित वादों की सुनवाई के लिए एडीजे से अनुरोध करेंगे

समस्तीपुर। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर एवं पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो की अध्यक्षता में सोमवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 संशोधन नियम 2014 एवं 2016 के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। इस बैठक में स्थानीय विधायक अख्तरु इस्लाम शाहीन, रोसड़ा के विधायक वीरेन्द्र कुमार पासवान, विभूतिपुर के विधायक अजय कुमार, विशेष लोक अभियोजक, जिला कल्याण पदाधिकारी, उपाधीक्षक सदर अस्पताल, पुलिस पदाधिकारी अनुसूचित जाति जनजाति थाना, प्रखंड कल्याण पदाधिकारी समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद रहे।

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अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों पर होने वाले अत्याचार की रोकथाम, अत्याचार पीड़ितों को मुआवजा और न्याय दिलाने संबंधी विभिन्न पहलुओं की गहन समीक्षा की गई। समीक्षा के क्रम में न्यायालय में लंबित वादों की सुनवाई ससमय कराने के लिए एडीजे से अनुरोध करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। वहीं विशेष लोक अभियोजक को निर्देश दिया गया कि वे जिला जज मॉनीटरिग कमेटी की अगली बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण की बैठक में न्यायालय में लंबित मामलों की पूर्ण सूची के साथ उपस्थित रहेंगे। जिला स्तरीय सतर्कता अनुश्रवण समिति की बैठक की कार्यवाही 10 दिनों के अंदर सभी सदस्यों एवं विधायकों को उपलब्ध कराने का निर्देश जिला कल्याण पदाधिकारी को दिया गया। जिला कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अंतर्गत भुगतान की जाने वाली एवं लंबित अनुदान किस्तों की सूची सभी विधायकों एवं सदस्यों को उपलब्ध कराएं। महादलित टोला को सड़क से जोड़ने के लिए आरडब्ल्यूडी से प्राप्त सूची को राजस्व कर्मचारी द्वारा सत्यापित कराने का निर्देश सभी अंचलाधिकारियों को दिया गया। वहीं अनुश्रवण समिति की अगली बैठक में आरडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता को बुलाने का निर्देश जिला कल्याण पदाधिकारी को दिया गया। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक को निर्देश दिया गया कि जिन डॉक्टरों के पास हत्या, बलात्कार, दुर्घटना, आपदा, पोस्टमार्टम से संबंधित प्रतिवेदन लंबित है, उसकी सूची दो दिनों के अंदर समर्पित करेंगे।


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