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प्रवासी मजदूरों को विवि प्रशिक्षण देकर बनाएगा आत्मनिर्भर

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा ने प्रवासी मजदूरों और कोविड-19 के कारण प्रभावित लोगों को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई तकनीक विकसित की है। इस तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण की तैयारी पूरी कर ली गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 11:52 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 11:52 PM (IST)
प्रवासी मजदूरों को विवि प्रशिक्षण देकर बनाएगा आत्मनिर्भर
प्रवासी मजदूरों को विवि प्रशिक्षण देकर बनाएगा आत्मनिर्भर

समस्तीपुर । डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा ने प्रवासी मजदूरों और कोविड-19 के कारण प्रभावित लोगों को प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई तकनीक विकसित की है। इस तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण की तैयारी पूरी कर ली गई है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आरसी श्रीवास्तव ने संवाददाताओं को बताया कि कोविड-19 को लेकर बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों को चार श्रेणी में बांटा गया है। जिन्हें रोजगार की दिशा में प्रशिक्षण दिए जाएंगे। जिसमें अकुशल, अ‌र्द्ध कुशल, कुशल मजदूरों के अतिरिक्त महिला श्रमिकों को रोजगार प्रशिक्षण के लिए भी कुलपति ने विभिन्न प्रशिक्षण योजनाओं की रूपरेखा तैयार की है। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि महिला मजदूरों को लेकर विशेष तरह के प्रशिक्षण की योजनाएं बनाई गई है। कोविड-19 को लेकर बहुत सारी महिलाएं जो सब्जी बेचती थीं या शहरों में अन्य घरेलू कामों में लगी थी, वह वापस बिहार लौट आई हैं। अब उन्हें विशेष प्रशिक्षण देकर रोजगार मुहैया कराने में सहायता दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से चलाया जाएगा। इसके लिए कुलपति ने प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. एमएस कुंडू को निर्देश दिए हैं। यह प्रशिक्षण 1 जुलाई से 10 जिलों में शुरू हो गया है। 35 के ग्रुप में प्रशिक्षण दिया जाएंगे। कुलपति ने कहा कि अगले चार महीनों तक प्रशिक्षण चलेगा। करीब 6000 प्रशिक्षण शिविर संचालित किए जाएंगे। इस प्रशिक्षण में भूजल संयंत्र, वर्मी कंपोस्ट, मशरूम उत्पादन, मधु उत्पादन, मधु की प्रोसेसिग, बकरी पालन, मुर्गी पालन, कृषि यंत्रों की मरम्मत, मिट्टी जांच आदि शामिल है।विश्वविद्यालय में इसके अतिरिक्त ऑनलाइन भी कई प्रकार के प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसका लाभ बिहार और इसके आसपास के कृषक ले रहे हैं। आदिवासी क्षेत्रों में मशरूम का प्रशिक्षण देकर आदिवासी महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

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