विवेकानंद की प्रेरणा से विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है अभाविप
लगातार 70 वर्षों से छात्र समाज और राष्ट्रहित को अग्रणी मानकर काम करने वाला छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को आज भी विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने का गौरव प्राप्त है।
समस्तीपुर । लगातार 70 वर्षों से छात्र, समाज और राष्ट्रहित को अग्रणी मानकर काम करने वाला छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को आज भी विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने का गौरव प्राप्त है। स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा तथा ज्ञान शील एकता के साथ कदमताल करते हुए यह संगठन इन 7 दशकों में कई आयामों के लक्ष्य को छू रहा है। आज भी राष्ट्र के हित में इससे जुड़े छात्रों को कुछ कर गुजरने की तमन्ना और ललक स्पष्ट देखने को मिलती है। मुख्य रूप से छात्र हित में काम करने वाला यह संगठन अपने अंदर राष्ट्र सर्वोपरि का भाव रखती है। अपने कार्यों के माध्यम से व्यापक संदर्भ में संपूर्ण परिवर्तन में विश्वास रखती है। संगठन से जुड़े छात्र नेता आज भी व्यवस्था को दोषी मान रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाते हुए दशकों से लंबित मांग मैकाले शिक्षा व्यवस्था को समाप्त कर भारतीय शिक्षा नीति को लागू करना और संपूर्ण भारत में एक शिक्षा नीति के तहत पठन-पाठन का कार्य की मांग लगातार आज भी की जा रही है। लेकिन इस ओर सरकार द्वारा सकारात्मक पहल नहीं करने के कारण इसे अपनी संस्कृति और सभ्यता की उपेक्षा करार दे रहे हैं। भारतीय संस्कृति पर आधारित हो देश की शिक्षा नीति संगठन द्वारा शिक्षा का भारतीयकरण करने की मांग लगातार जारी है। मैकाले शिक्षा नीति को समाप्त कर देश की संस्कृति आधारित शिक्षा को लागू किया जाना जरूरी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद स्वामी विवेकानंद के प्रेरणा स्त्रोत एवं उनके विचारों पर चलकर लगातार छात्र हित के लिए अग्रसर है। राष्ट्र को सर्वोपरि मान अपने विभिन्न आयामों और कार्यों के माध्यम से छात्र युवा और समाज को एक नई दिशा देने का प्रयास कर रही है। परिषद द्वारा चलाए जा रहे आयामों में अंतरराज्य छात्र जीवन दर्शन, विश्व विद्यार्थी युवा मंच, थिक इंडिया, विकासार्थ विद्यार्थी जनजाति छात्र छात्रा कार्य, मैडिविजन, एग्रीविजन एवं जिज्ञासा आदि आयामों की चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास भी लगातार जारी है।
विकास कुंवर, संयोजक मिथिला विवि, अभाविप जन संगठन के रूप में है परिषद की पहचान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की कार्य पद्धति, कार्यक्रम और कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए कार्यों से एक जन संगठन के रूप में पहचान स्थापित हुई है। प्रत्येक कार्य में अधिकतम जन सहयोग एवं जन सहायता ही उपलब्धि का परिचायक है। छात्र नेता ने कहा कि संगठन का सिद्धांत ही कार्यकर्ताओं का स्वाभिमान है। यह एक विचार केंद्रित राष्ट्रवादी छात्र संगठन है और इस संगठन का स्पष्ट मानना है की आज के छात्र कल के नहीं बल्कि आज के ही नागरिक हैं।
आशीष कुमार सोनू, परिषद के एसडीएफ के प्रांतीय सह प्रमुख शिक्षा के क्षेत्र में देश के कुल बजट का 14 प्रतिशत हो खर्च सरकार द्वारा शिक्षा बजट में लगातार कटौती की जा रही है। परिषद लगातार बजट का 14 प्रतिशत शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करने की मांग करता आ रहा है। शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए यह अत्यंत ही जरूरी है। राष्ट्र के प्रति समर्पित एवं संस्कारित छात्र शक्ति के रूप में स्थापित छात्र संगठन रचनात्मक, आंदोलनात्मक एवं प्रतिनिधिनात्मक गतिविधियों के माध्यम से छात्र, राष्ट्र और समाज के प्रति अग्रसर है।
अश्रि्वनी कुमार, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य, अभाविप कॉलेज व विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के विरुद्ध बने कठोर कानून कॉलेज से लेकर विश्वविद्यालय तक में भ्रष्टाचार है। इस पर रोक लगाने के लिए कठोर एवं प्रभावी कानून बनाने की जरूरत है। संगठन के माध्यम से लगातार इसके विरुद्ध आवाज बुलंद किया जा रहा है। परिसर में शैक्षणिक माहौल की कमी के लिए सीधे तौर पर सरकार के साथ-साथ विश्वविद्यालय और कॉलेज प्रशासन जिम्मेवार है। संगठन द्वारा जारी प्रयास के बावजूद नीचे से ऊपर तक उदासीनता के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।
अंकित सिंह कुशवाहा, छात्र संघ उपाध्यक्ष संगठन से जुड़कर गौरवान्वित हैं हम देश के सबसे बड़े छात्र संगठन से जुड़कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। छात्र हित के साथ-साथ लगातार समाज हित में भी काम करने का मौका मिलता है। जिसमें मुख्य रूप से गांव में शिक्षा का दीप जलाना, सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध अभियान चलाना आदि शामिल है। ज्ञान, शील, एकता के बीच स्वामी विवेकानंद के रास्तों पर चलने का प्रयास संगठन के सदस्यों को एक अत्यंत सुखद अनुभूति प्रदान करता है।
कुमार सौरभ, अध्यक्ष, विद्यार्थी परिषद यूआर कालेज इकाई