इंजीनियर्स डे पर याद किए गए विश्वेश्वरैया
स्थानीय रेलवे कॉलोनी स्थित सामुदायिक भवन में रविवार की रात्रि भारत रत्न ई. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्म दिवस पर इंजीनियर्स डे समारोहपूर्वक मनाया गया। समारोह के दौरान मंडल के सभी प्रभागों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी विभागीय संरक्षा परिस्थितियों का विश्लेषण किया।
समस्तीपुर । स्थानीय रेलवे कॉलोनी स्थित सामुदायिक भवन में रविवार की रात्रि भारत रत्न ई. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जन्म दिवस पर इंजीनियर्स डे समारोहपूर्वक मनाया गया। समारोह के दौरान मंडल के सभी प्रभागों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी विभागीय संरक्षा परिस्थितियों का विश्लेषण किया। इस दौरान ई. विश्वेश्वरैया के जीवन के आदर्शो की विशद चर्चा हुई जो एक अतुल्य व्यक्तित्व साबित हुए। अध्यक्षीय संबोधन में मंडल अध्यक्ष ई. गंगा राम महतो ने कहा कि भारत के विकास में रेलवे का योगदान और फिर रेलवे के परिचालन में रेल इंजीनियर्स की सहभागिता का विस्तृत विमर्श किया गया। इसमें मुख्य रूप से केंद्र रेल प्रशासन द्वारा अपने इंजीनियर्स की अनदेखी रहा। उनका स्वर आक्रोश के रूप में फूटकर बाहर निकल रहा था। सर्व विदित है कि रेल का सुरक्षित परिचालन इसके विभिन्न विभागों के इंजीनियर्स द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। इसके बावजूद रेल संरक्षा से संबंधित आवश्यकताओं को दरकिनार किया जा रहा है जो रेल भविष्य में आसन्न संकटों का संकेत है। भारतीय रेल के इंजीनियर एसोसिएशन अपने विभिन्न स्तरों से रेल हित में नीतिगत एवं ढांचागत सुधारों की ओर ध्यान खींचने का प्रयास किया गया। कितु उचित निर्णय नहीं लिए जाने से घोर असंतोष व्याप्त है। रेल के वर्तमान रूख एवं भविष्य को देखते हुए रेल का सुरक्षित संचालन चिताजनक है क्योंकि इसे सुनिश्चित करने वाले इंजीनियर्स की स्थिति दिन प्रतिदिन दयनीय बनाई जा रही है। इसके पीछे रेलवे में फैल रही ठेकेदारी प्रथा का तीव्र प्रवेश और विदेशी तकनीकों पर अतार्किक निर्भरता का बढ़ाया जाना है। जहां रेल प्रशासन उक्त नीतियों को लाभकारी साबित करने पर आत्मघाती प्रयास कर रहा है। वहीं रेल अपने मूल ढांचा तथा स्वास्थ्य के खोखलेपन से जूझ रहा है। चेतावनी के स्वर में आग्रह किया कि रेल अगर अपना भविष्य सुधारना है तो तो अपने इंजीनियर्स की अवहेलना बिल्कुल बंद करनी होगी। मौके पर मंडल सचिव ई. ओंकारनाथ सिंह, मंडल वित्त सचिव ई. विकास चंद दत्ता, मंडल संयुक्त सचिव आईटी ई. शशि रंजन, संगठन मंत्री अवध किशोर गुप्ता, ई. रणविजय कुमार, ई. ध्रुव कुमार श्रीवास्तव, मनोज कुमार, अवध किशोर गुप्ता, वीसी दत्ता, अवनीकांत, सुजीत कुमार, स्वाति कुमारी, अशोक कुमार, संजय कुमार, विजय कुमार, संजय कुमार झा, जिवेंद्र श्रीवास्तव, अशोक शर्मा, शंभुनाथ प्रियदर्शी, बीके मंगलम, संजीब कुमार, रातिश झा, इंद्रजीत कुमार, अभिजीत कुमार, मनोहर कुमार, विनय कुमार सिंह, सत्य प्रकाश, राजीव कुमार, लाल बाबू आजाद, मृगाक्षी सिंह, राजेश मुंडा, आशुतोष कुमार आदि उपस्थित रहे।