कृषि कार्य में वैज्ञानिक यंत्रों का उपयोग लाभदायक
कृषि को लाभकारी बनाने के लिए वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित कृषि की विभिन्न यंत्रों को अपनाना किसानों के लिए काफी आवश्यक है।
समस्तीपुर । कृषि को लाभकारी बनाने के लिए वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित कृषि की विभिन्न यंत्रों को अपनाना किसानों के लिए काफी आवश्यक है। उक्त बातें कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डा. आरके तिवारी ने कही। वे शुक्रवार को कौशल कृषि परियोजना के अंतर्गत सहगल फाउंडेशन के द्वारा आयोजित कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मजदूरों की समस्या को देखते हुए कृषि में यंत्रीकरण को अपनाना काफी आवश्यक है। रबी की मौसम में गेहूं की बुआई जीरो टिलेज से किया जाए तो किसानों को बचत होगी। मौसम के बदलते परिवेश को देखते हुए कृषि यंत्रीकरण का महत्व वर्तमान कृषि में काफी बढ़ गया है। उन्होंने किसानों से कहा कि वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित नवीनतम तकनीक को कृषि में उपयोग काफी लाभदायक होगा। इससे कम समय में अच्छे उत्पादन भी होंगे। जीरो टिलेज से गेहूं की बुवाई काफी लाभ कर है इसमें कम मात्रा में रसायनिक उर्वरकों का उपयोग कर अच्छी उत्पादकता किसान प्राप्त कर सकता है। मौके पर मौजूद सहगल फाउंडेशन के परियोजना समन्वयक शेष नारायण ¨सह ने कहा कि क्षेत्र में सैकड़ों किसानों के खेत में इसका प्रत्येक क्षण कई वर्षों से किया जा रहा है जिसे किसानों ने काफी सराहा है। साथ साथ किसानों को यह भी सलाह दी कि मिट्टी के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें एवं मिट्टी की जांच कराकर वैज्ञानिकों के द्वारा की गई अनुशंसा के अनुसार ही उर्वरक का प्रयोग अपने खेतों में करें । मिट्टी जांच से खेतों में पाए जाने वाले कम पोषक तत्वों को चिन्हित कर वैज्ञानिक उन पोषक तत्वों को पूरा करने हेतु जिन उर्वरकों का उपयोग करने की अनुशंसा किया जाता है उसे किसान अवश्य करें। मौके पर मौजूद इंजीनियर शैलेश कुमार नेवी कृषि यंत्रीकरण के बारे में विस्तारपूर्वक किसानों को बताया। मौके पर आशुतोष ¨सह, धर्मेंद्र ¨सह, अमरनाथ कुमार, कामेश्वर राय, मनीष कुमार राजा समेत दर्जनों किसान मौजूद रहे।