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तंबाकू, सिगरेट और गुटखा कैंसर के जनक, सेवन खतरनाक

तंबाकू के उपयोग से होनेवाले दुष्परिणामों से आमलोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। लेकिन इसका सार्थक परिणाम निकल कर सामने नहीं आने से तंबाकू सामग्री पर रोक लगाने वाला कोटपा कानून कागज पर सिमट कर रह गया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 12:45 AM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 06:10 AM (IST)
तंबाकू, सिगरेट और गुटखा कैंसर के जनक, सेवन खतरनाक
तंबाकू, सिगरेट और गुटखा कैंसर के जनक, सेवन खतरनाक

समस्तीपुर । तंबाकू के उपयोग से होनेवाले दुष्परिणामों से आमलोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। लेकिन, इसका सार्थक परिणाम निकल कर सामने नहीं आने से तंबाकू सामग्री पर रोक लगाने वाला कोटपा कानून कागज पर सिमट कर रह गया है। जबकि, तंबाकू उत्पाद के सेवन से हर वर्ष हजारों लोग काल के गाल में समा जाते हैं। तंबाकू एवं उसके उत्पादों के सेवन की वजह से सरकार ने तंबाकू नियंत्रण कानून सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन, निरोधक तथा व्यापार, व्यवसाय, उत्पादन, आपूíत तथा विवरण) अधिनियम 2003 (कोटपा) लागू किया था। कितु, अभी तक सख्ती से कानून का क्रियान्वयन नहीं होने की वजह से जिले में उपयोग पर अंकुश नहीं लग पाया है।

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सूत्रों की मानें तो स्वास्थ्य विभाग के पास जिले में कितने लोग तंबाकू का सेवन कर रहे हैं, उसका आंकड़ा नहीं है। इसके अलावा तंबाकू का सेवन न करने व तंबाकू निषेध को लेकर जागरूकता के लिए अबतक कोई संस्था इस जिला में काम नहीं कर रही है। सरकारी स्तर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला के 20 प्रखंडों में दीवार लेखनी कर जागरूकता की गई है। तंबाकू से होने वाली बीमारी

फोटो फाइल नंबर : 30 एसएएम 01

डॉ. अभिषेक कुमार झा ने तंबाकू से होने वाली बीमारी को लेकर कहा कि तंबाकू या इसके उत्पाद के सेवन से कई गंभीर बीमारियां होती हैं। तंबाकू के सेवन से मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, फेफड़े का कैंसर, ब्रोनकाइटिस, इंफाइजिना व अन्य बीमारी होती है। जो जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी की शुरुआत में पहचान हो जाने से कुछ हद तक बचा जा सकता है। लेकिन, यदि बीमारी बढ़ जाए तो इसका कोई इलाज नहीं है। तंबाकू सेवन करने वाला काल के गाल में समा जाता है। सिगरेट और बीड़ी पीने से महिलाओं में बांझपन हो सकता है। धूमपान से फेलोपियन ट्यूब में समस्या आ सकती है, अंडे गर्भाशय में नहीं पहुंच पाते। फेलोपियन ट्यूब में ही गर्भ ठहर जाता है। इसे गर्भाशय कैंसर होने की संभावना होती है। गुटखा व तंबाकू दांतों के दुश्मन

फोटो फाइल नंबर : 30 एसएएम 02

दंत चिकित्सक डॉ. कल्पना ठाकुर ने बताया कि गुटखा व तंबाकू दांत के सबसे बड़े दुश्मन हैं। वहीं कैंसर का भी इन्हें जनक माना जाता है। दांतों की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि पोषक तत्व लिए जाएं वहीं अच्छी तरह से ब्रश किया जाए। पायरिया दांतों का तेजी से बढ़ने वाला रोग है। इसकी रोकथाम के लिए जरूरी है कि जिन लोगों के दांतों में सुराख हैं वे फ्लास जरूर करें। वहीं यदि मसूड़ों से खून आना शुरू हो जाए तो तत्काल दंत चिकित्सक को दिखाया जाए। इससे कैंसर होता है। मुंह खोलने में परेशानी होना, मुंह में जलन होना, मुंह में सफेद दाग होना, खाना चबाने में परेशानी होना कैंसर होने के लक्षणों में शामिल है। धूमपान से होने वाले कैंसर

फेफड़ों का कैंसर, मुख कैंसर, पेट का कैंसर, ओसोफेजेअल कैंसर, दांतों में समस्या, मसूड़ों में संक्रमण, ग्रीवा कैंसर, जीभ का कैंसर, आंत का कैंसर, यूट्रस कैंसर आदि।


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