खतरे के निशान से ऊपर बह रहा बूढ़ी गंडक नदी का पानी
बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 1.52 सेमी ऊपर बह रहा है। पिछले 72 घंटे में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में काफी इजाफा हुआ है। सोमवार को समस्तीपुर रेलवे पुल के निकट जलस्तर खतरे के लाल निशान को पार कर 47.25 मीटर पर पहुंच चुका था। इससे शहर के आसपास के लोग भी चितित नजर आने लगे हैं। वैसे बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है। बूढ़ी गंडक नदी के दोनों ओर का तटबंध पूरी तरह मजबूत एवं सुरक्षित है।
समस्तीपुर । बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार करते हुए 1.52 सेमी ऊपर बह रहा है। पिछले 72 घंटे में बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में काफी इजाफा हुआ है। सोमवार को समस्तीपुर रेलवे पुल के निकट जलस्तर खतरे के लाल निशान को पार कर 47.25 मीटर पर पहुंच चुका था। इससे शहर के आसपास के लोग भी चितित नजर आने लगे हैं। वैसे बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल का कहना है कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है। बूढ़ी गंडक नदी के दोनों ओर का तटबंध पूरी तरह मजबूत एवं सुरक्षित है।
आपदा प्रबंधन शाखा से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार की सुबह बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर 46.85 मीटर था। सोमवार की सुबह 47.17 मी और शाम में 47.25 मी दर्ज किया गया। समस्तीपुर रेलवे पुल के निकट बूढ़ी गंडक का चेतावनी स्तर 45.12 मीटर है। जबकि खतरे का लाल निशान 45.72 है। यानि नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.52 मीटर ऊपर है। जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। तटबंध किनारे रहने वाले लोग रतजगा कर रहे हैं। नदी के दबाब को देखते हुए स्लूस गेट व तटबंध पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
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तटबंध पर बाढ़ पीडितों ने बनाया आशियाना
बूढ़ी गंडक नदी के तटबंध के नीचे रहने वाले लोगों के घर में बाढ़ का पानी पूरी तरह प्रवेश कर चुका है। बड़ी संख्या में लोग अपने समान समेत परिवार के साथ तटबंध पर पहुंच गए। यहां प्लास्टिक लगाकर अस्थायी आशियाना बना लिया है। शहर के पेठियागाछी बाइपास रोड से लेकर पासवान चौक के पास तटबंध के ऊपर दर्जनों परिवार अस्थायी आशियाना बना कर रह रहे हैं।