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सरायरंजन के तत्कालीन थानाध्यक्ष की संपत्ति होगी कुर्क

सरायरंजन के तत्कालीन थानाध्यक्ष लखींद्र पासवान की संपत्ति कुर्क होगी। पिछले 20 वर्ष से न्यायालय में उपस्थित नहीं होने को लेकर एसीजेएम रंजीत कुमार ने संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 11:58 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 11:58 PM (IST)
सरायरंजन के तत्कालीन थानाध्यक्ष की संपत्ति होगी कुर्क
सरायरंजन के तत्कालीन थानाध्यक्ष की संपत्ति होगी कुर्क

समस्तीपुर । सरायरंजन के तत्कालीन थानाध्यक्ष लखींद्र पासवान की संपत्ति कुर्क होगी। पिछले 20 वर्ष से न्यायालय में उपस्थित नहीं होने को लेकर एसीजेएम रंजीत कुमार ने संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी किया है। एसीजेएम ने तत्कालीन थानाध्यक्ष की संपत्ति कुर्क करने के लिए बिहार के डीजीपी को आदेश दिया है।

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न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उजियारपुर थाना क्षेत्र के पचपैका गांव निवासी पूर्व मुखिया विजय कुमार चौधरी ने न्यायालय में अभियोग पत्र दाखिल किया था। इसमें बताया था कि 20 अप्रैल 1999 की संध्या में वे पंचायत भवन पर बैठे हुए थे। इस बीच तत्कालीन थानाध्यक्ष लखींद्र पासवान अन्य पुलिस बल के साथ पंचायत भवन पर पहुंचे। साथ ही अभियोगी को थाना पर चलने को कहा। जब वे तैयार नहीं हुए तो उसे जबरदस्ती जीप में बैठाकर थाना ले जाया गया। साथ ही थाना हाजत में बंद कर गलत काम करने का आरोप लगाते हुए धमकी देने लगे। इसकी सूचना मिलते ही ग्रामीण थाना परिसर में जुटने लगे। जिसके बाद दूसरे दिन सुबह में सादा कागज पर हस्ताक्षर कराकर उन्हें छोड़ दिया गया। इश्तेहार जारी होने के बाद भी न्यायालय में नहीं हुए उपस्थित

अभियोग पत्र दाखिल होने के बाद न्यायालय ने उक्त मामले में सरायरंजन थानाध्यक्ष के विरुद्ध 3 जनवरी 2000 को संज्ञान लेते हुए सम्मन जारी करने का आदेश पारित किया। तत्कालीन थानाध्यक्ष लखीन्द्र पासवान के न्यायालय में उपस्थित नहीं होने के कारण 18 मई 2004 को अजमानतीय वारंट जारी कर दिया गया। फिर भी न्यायालय में उपस्थित नही हुए। इसके बाद 25 सितंबर 2009 को इश्तेहार जारी किया गया। जिसके बाद भी थानाध्यक्ष के न्यायालय में उपस्थित नहीं होने पर न्यायाधीश ने डीजीपी,पटना के माध्यम से तत्कालीन थानाध्यक्ष की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया। एक दिन पूर्व इस मामले में जारी किया गया आदेश

न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार न्यायाधीश ने न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने के मामले को काफी गंभीरता से लिया है। 17 नवंबर 2018 को इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल पर सवाल उठाए। साथ ही कहा कि डीजीपी के माध्यम से संबंधित थानाध्यक्ष की संपत्ति को कुर्क किया जाए।


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