मरीज को नहीं मिली स्ट्रेचर, गोद में उठा ले गए ओपीडी तक
इलाज व व्यवस्था में खामी का वाहक सिर्फ प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थान ही नहीं है।
समस्तीपुर । इलाज व व्यवस्था में खामी का वाहक सिर्फ प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थान ही नहीं है। सदर अस्पताल भी उसके साथ कदमताल कर रहा है। गुरुवार को आपातकालीन वार्ड में चिकित्सा के लिए पहुंची एक वृद्ध महिला मरीज के साथ भी ऐसा ही हुआ। अस्पताल में स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध रहने के बावजूद एक वृद्ध महिला मरीज को अपने परिजनों की गोद का ही सहारा मिला। परिजन ने जुगाड़ गाड़ी से इमरजेंसी वार्ड से ओपीडी तक पहुंचे। इसके बाद उन्हें गोद में उठाकर ओपीडी के अंदर ले गए। जबकि अस्पताल में स्ट्रेचर उपलब्ध है। पीड़ित के परिजनों ने कहा कि आपातकालीन ड्यूटी में मौजूद चिकित्सा कर्मियों ने ओपीडी से एक्सरे व जांच करा कर आने की सलाह दी। उसे स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गई। जबकि अस्पताल प्रशासन कह रहा है कि किसी ने स्ट्रेचर की मांग ही नहीं की। वारिसनगर थाना क्षेत्र के साड़ी गांव निवासी 65 वर्षीया सीता देवी दम फूलने व बीमार रहने की चिकित्सा कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंची थी। मरीज को पहले आपातकालीन विभाग में ले जाया गया। जहां ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने मरीज की चिकित्सा की। स्थिति सामान्य होने के उपरांत ओपीडी में रक्त जांच व एक्सरे कराने की सलाह दी। परिजन ने मरीज को ओपीडी में ले जाने के लिए चला। आपातकालीन वार्ड से बाहर निकलने पर उसे ट्रॉली या स्ट्रेचर तक नहीं मिला। अंतत: परिजनों ने जुगाड़ गाड़ी पर ही लाद कर महिला मरीज को ओपीडी ले गए। इसके बाद प्रथम तल्ला पर पैथोलॉजी सेंटर में जाकर ब्लड जांच कराने के लिए गोद में उठाकर ले जाना पड़ा। चिकित्सक का कहना है कि मरीज की आपातकालीन वार्ड में चिकित्सा की गई। स्थिति में सुधार होने के बाद उन्हें जांच कराने की सलाह दी गई थी। लेकिन, बीच में अपनी मर्जी से परिजन ब्लड जांच कराने के लिए ओपीडी में लेकर चले गए। साथ ही स्ट्रेचर की सुविधा की भी मांग नहीं की गई।
इस संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. अमरेन्द्र नारायण शाही ने कहा कि सदर अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में स्ट्रेचर की सुविधा उपलब्ध है। मरीज के परिजन द्वारा इसकी सुविधा की मांग नहीं की गई। परिजन उन्हें बिना स्ट्रेचर के ही ओपीडी में लेकर चले गए।