कन्हैयालाल की हत्या के विरोध में गहलोत सरकार का फूंका पुतला
भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर राजस्थान के युवक कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के विरोध में विश्व हिदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को शहर में प्रतिरोध मार्च निकाला।
समस्तीपुर । भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर राजस्थान के युवक कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के विरोध में विश्व हिदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को शहर में प्रतिरोध मार्च निकाला। राजस्थान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वे सभी सरकार से हत्यारों को सख्त सजा दिलाने की मांग कर रहे थे। संगठन के जिलाध्यक्ष संजय पांडे के नेतृत्व में सभी कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए स्टेडियम चौराहा पहुंचे। उसके बाद यहां राजस्थान में गहलोत सरकार और हत्यारों का पुतला फूंका। समरसता प्रमुख आलोक सिंह ने कहा कि ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से वहां आए दिन हिदुओं पर हमले हो रहे हैं। सरकार से अविलंब हत्यारों को गिरफ्तार करते हुए सख्त सजा देने की मांग की गई। मौके पर बजरंग दल के निरंजन कुमार, रवि गुप्ता, विजय शर्मा, अमित पाठक, सिटू कुमार, चंदन, राजा, विपिन, शारदानंद, सूरज कुमार, नीतीश कुमार, जिला गोरक्षा प्रमुख सतीश, अनुपमा कुमार मौजूद रहे। उदयपुर में कन्हैया की हत्या से बुद्धिजीवी भी आहत, सख्त कार्रवाई की उठ रही मांग
उदयपुर में कन्हैया की हत्या से मुस्लिम बुद्धिजीवियों में भारी गुस्सा है। सभी ने हत्या की निदा की है और तालिबानी मानसिकता रखने वाले आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो. शाहिद अहमद ने कहा कि इस तरह की वारदात करने वाले आरोपितों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। पैगंबर मोहम्मद ने भी कहा है कि समाज में सभी के साथ प्रेम के साथ एक अच्छे माहौल में रहना चाहिए। किसी भी इंसान पर जुल्म नहीं करना चाहिए। पैगंबर मोहम्मद ने तो अपने बड़े दुश्मनों को माफ कर दिया था।
युवा समाजसेवी प्रो. तकी अख्तर ने भी नाराजगी जाहिर की है। कहा कि जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता। यह कानून और हमारे धर्म के खिलाफ हैं। देश में कानून की व्यवस्था है, किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का कोई अधिकार नहीं है। किसी के बयान से यदि किसी की भावना आहत होती है तो हमें कानून का सहारा लेना चाहिए न कि कानून को। सेवानिवृत्त शिक्षक मो. रेयाज बताते हैं कि भारत के मुसलमान देश में कभी भी तालिबानी मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे। कोई भी धर्म मानवता के खिलाफ हिसा को बढ़ावा नहीं देता है। विशेष रूप से इस्लाम धर्म में। उन्होंने कहा कि कुछ कट्टरपंथी लोग हिसा के रास्ते से ही समाधान ढूंढने की कोशिश में रहते हैं, जो कहीं से भी मुनासिब नहीं है।