हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर होगी टीबी स्क्रीनिग और पहचान की सुविधा
टीबी मरीजों की स्क्रीनिग और पहचान तथा शीघ्र संभावित उपचार के साथ-साथ गंभीर मरीजों के लिए उपयुक्त रेफरल अस्पताल में भेजने की व्यवस्था हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर की जा रही है। इसको लेकर विभागीय स्तर पर प्रक्रिया चल रही है।
समस्तीपुर । टीबी मरीजों की स्क्रीनिग और पहचान तथा शीघ्र संभावित उपचार के साथ-साथ गंभीर मरीजों के लिए उपयुक्त रेफरल अस्पताल में भेजने की व्यवस्था हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर की जा रही है। इसको लेकर विभागीय स्तर पर प्रक्रिया चल रही है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी की बीमारी को खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। डॉ. श्रीराम प्रसाद गुप्ता ने बताया कि यक्ष्मा रोग एक जटिल रोग है। इसे जल्द से जल्द पहचान कर इलाज शुरू किया जाना चाहिए ताकि दूसरों व्यक्तियों में यह संक्रमित बीमारी न पहुंचे। किसी व्यक्ति में भी टीबी के लक्षण पाए जाते है तो शीघ्र ही उन्हें अपनी बलगम की जांच करवानी चाहिए। एमडीआर-टीबी हो सकता है गंभीर
एमडीआर-टीबी होने पर सामान्य टीबी की कई दवाएं एक साथ प्रतिरोधी हो जाती हैं। टीबी की दवाओं का सही से कोर्स नहीं करने एवं बिना चिकित्सक की सलाह पर टीबी की दवाएं खाने से ही सामान्यत: एमडीआर-टीबी होने की संभावना बढ़ जाती है। घर बैठे टीबी से संबंधित ली जा सकती है जानकारी
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने टॉल फ्री नंबर 1800116666 जारी किया है। इस नंबर की सहायता से स्वास्थ्य सेवाओं व योजनाओं का लाभ लेने, रोगों के बारे में जानने, दवाओं की जानकारी लेने, टीबी के प्रति जागरूकता, दवाएं लेने आदि के तरीके आदि के बारे में जानकारी ली जा सकती है। निक्षय पोषण योजना के तहत मिलते हैं 500 रुपये
टीबी के मरीजों को उचित खुराक उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से निक्षय पोषण योजना चलाई गई है। जिसमें टीबी के मरीजों को उचित पोषण के लिए 500 रुपये प्रत्येक महीने दिए जाते हैं। यह राशि उनके खाते में सीधे पहुंचती है। कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन
- सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
- अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
- आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- छींकते या खांसते समय मुंह को कपड़े से ढकें।