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कहीं पानी के लिए भटक रहे लोग, तो कहीं हो रही पानी की बर्बादी

दल¨सहसराय में गर्मी की धमक से पहले ही शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल स्त्रोतों के सूखने तथा पानी की समस्या ने सिर उठाना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 12:29 AM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 12:29 AM (IST)
कहीं पानी के लिए भटक रहे  लोग, तो कहीं हो रही पानी की बर्बादी
कहीं पानी के लिए भटक रहे लोग, तो कहीं हो रही पानी की बर्बादी

समस्तीपुर । दल¨सहसराय में गर्मी की धमक से पहले ही शहरी क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल स्त्रोतों के सूखने तथा पानी की समस्या ने सिर उठाना शुरू कर दिया है। शहर के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, वही दूसरी ओर शहर में पानी की बर्बादी हो रही है। वह भी नगर पंचायत कार्यालय के महज कुछ ही दूरी पर स्थित जिला परिषद के अतिथि गृह के पास। जहां भूमिगत जल पाइप लाइन से बेतहाशा पानी निकल कर बर्बाद हो रहा है। शहर के विभिन्न वार्डो की बात करें तो वाटर लेवल में आई गिरावट के कारण बोर पंप से पानी की जगह हवा निकलने लगी है और लोग परेशान है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह साल पानी की दृष्टि से दुष्कर साबित होगा। क्योंकि नगर पंचायत और पीएचईडी दोनों ही इस मामले में जिस तरह से काम कर रहें है वह नौ दिन में चले ढाई कोस की तरह है। चाहे नदी नाले, तालाब, कुंए या पोखर के प्राकृतिक जल स्त्रोत हों या बोर पंप, हैंडपंप आदि के कृत्रिम जल स्त्रोत, गर्मी के बढ़ने के साथ-साथ ये भी सूखने लगते है। भूमिगत जल का स्तर 35 फीट से 40 नीचे चले जाने के कारण बोर पंप या हैंडपंप पानी की जगह हवा या मटमैला गंदा पानी निकलने लगता है। पानी की इस समस्या से लोगों को हर साल गुजरना होता है वही जिस विभाग को इस समस्याओं को दूर करने की जिम्मेदारी दी जाती है वो भी अन्य वर्षो की तरह पानी की समस्याओं के उत्पन्न होने के बाद जागती है। इस काम के लिए शहरी क्षेत्र में नगर पंचायत तथा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पीएचईडी विभाग को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है और इन संस्थाओं को प्रतिवर्ष सुधार कार्य के नाम पर लाखों करोड़ो का आवंटन भी प्राप्त होता है। कुछ वार्डो में हर घर नल जल योजना के तहत काम तो प्रारंभ हो चुका है लेकिन पानी की आपूर्ति शुरू नही हो पायी है। वहीं कुछ वार्डो में वर्क आर्डर के बाद भी काम शरू नही हुआ है। जबकि शहर के 14 वार्ड ने से 8 वार्डो में हर घर नल जल योजना से पानी की आपूर्ति करनी है। दूसरी ओर शहर में निजी पानी आपूर्तिकर्ता के द्वारा लगभग आधे शहर को फिल्टर प्लांट के माध्यम से भूमिगत जल का दोहन करते हुए पानी की सप्लाई की जाती है।

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दो जलमीनार के भरोसे है लोग

पीएचडी विभाग के द्वारा शहरी क्षेत्रों मे शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अनुमंडल कार्यालय के बगल में व थाना के पास जलमिनार का निर्माण कार्य लाखों रुपये खर्च कर कराया गया। जिससे शहर के कुछ क्षेत्रों मे ही जलापूर्ति की जाती है। लेकिन दिक्कत यह कि जलापूर्ति का समय निर्धारित नहीं है। कभी-कभी तो पाईप लाइन मे गड़बड़ी होने के कारण घंटों कीचर युक्त जल की आपूर्ति की जाती है। क्या कहते हैं लोग

नगर पंचायत की जलापूर्ति के भरोसे रहे तो हम प्यासे ही मर जाएंगे। डब्बा बंद पानी खरीद कर उसका उपयोग पीने और खाना बनाने के लिए करती हूं ।भूमिगत पाईप लाइन से कभी पानी निकलता है तो कभी नही, कभी कभी तो गंदा पानी आता है जो जानवर के पीने लायक नही होता है।

राजकुमारी, लोकनाथपुर वार्ड में पाईप लाइन तो है, लेकिन पानी का समय तय नही है। वार्ड में 10 से 12 हैंड पम्प है, जिसमें से 5 खराब है। लेकिन नगर पंचायत के उदासीन रवैया के कारण समय पर हैंड पम्प की मरम्मती का कार्य नही होता है। लोगो को पानी के लिए भटकना पड़ता है।

मनीष कुमार, वार्ड छह मेरे वार्ड में हैंड पम्प कब खराब रहता है कब ठीक रहता है लोगो को पता भी नही चलता। जब कभी भी हैंड पम्प पर पानी के लिए जाते हैं तो हैंड पम्प खराब ही मिलता है।

रंजीत साहु, वार्ड पांच नगर पंचायत गर्मी व सूखे को देखते हुए शहर के घनी आबादी वाले चयनित वार्डो 8 में से 3 वार्डो में हर घर जल हर घर नल योजना से तहत सबमर्सिबल पंप और पाइप लाइन का काम चल रहा है। समय रहते जलापूर्ति व्यवस्था को सु²ढ़ कर लिया जाएगा।

राकेश रंजन, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत दल¨सहसराय


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