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मुसीबत में फंसे लोगों के लिए सोशल साइट बनी मददगार

लॉकडाउन में सोशल साइट्स कई लोगों के लिए बहुत बड़ी मददगार बन गई है। फेसबुक के जरिए जहां बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान हो रहा वहीं वाट्सएप ग्रुप पर सूचनाएं चलने के बाद जरूरतमंदों बुजुर्गो तक राशन और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 12:22 AM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 12:22 AM (IST)
मुसीबत में फंसे लोगों के लिए सोशल साइट बनी मददगार
मुसीबत में फंसे लोगों के लिए सोशल साइट बनी मददगार

समस्तीपुर। लॉकडाउन में सोशल साइट्स कई लोगों के लिए बहुत बड़ी मददगार बन गई है। फेसबुक के जरिए जहां बड़ी-बड़ी समस्याओं का समाधान हो रहा, वहीं वाट्सएप ग्रुप पर सूचनाएं चलने के बाद जरूरतमंदों, बुजुर्गो तक राशन और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं। सरकारी तंत्र से लेकर आम लोगों तक के लिए ट्वीटर भी बड़ी राहत लेकर आया। कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर लॉकडाउन के दौरान कई ऐसा वाक्या सामने आया कि राज्य की सीमाएं टूट गईं, जाति-धर्म से ऊपर उठकर लोगों ने एक दूसरे की मदद की।

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संपर्क का सशक्त माध्यम

समस्तीपुर के मजदूर जो राज्य के बाहर अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं। उनके लिए भी फेसबुक बड़ा माध्यम बना है। फेसबुक व वाट्सएप से मिली सूचना के आधार पर पीड़ितों से संपर्क कर राहत का इंतजाम करवा रहे। साथ ही, पारदर्शिता का पालन करने पर लोगों को भी इसकी जानकारी तत्काल मिल रही। सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता रंजीत निर्गुणी ने बिहार से बाहर रह रहे लोगों की सहायता के उद्देश्य से 25 दिन पूर्व अपना नंबर जारी किया। अपने संपर्क के लोगों को जोड़ते हुए एक व्यवस्था का निर्माण किया, जो देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे समस्तीपुर, वैशाली के लोगों की मदद सुनिश्चित कर सके। जानकारी मिली कि समस्तीपुर, वैशाली के सबसे अधिक लोग तमिलनाडु के कोयंबटूर और त्रिपुरा में फंसे हैं। श्री निर्गुणी का दावा है कि ऐसे करीब चार हजार लोगों को इन्होंने मदद पहुंचाई।

फेसबुक के माध्यम से कई अधिकारियों ने पहुंचाई मदद

तमिलनाडु के आइएएस सह स्टेट कोरोना टास्क फोर्स के सदस्य जॉनी टॉमवरगिज ने इस सूचना पर वहां फंसे बिहारियों की मदद की और सहायता पहुंचाई। समस्तीपुर- वारिसनगर निवासी अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में कार्यरत संतोष कुमार ने इसी सूचना पर कई जगहों पर पहुंच कर मदद सुनिश्चित की। अरुणाचल के साथ उत्तर-पूर्व के कई और राज्यों में भाप्रसे के संतोष कुमार इसमें सहायक हो रहे हैं। आकस्मिक निधन और अस्वस्थता के मामले में अन्यत्र रह रहे स्वजन के लिए अंतरराज्यीय पास निर्गत करवाने में भी इनकी भूमिका रही है। मप्र के ग्वालियर, भोपाल, इंदौर सहित दर्जनों जिलों में भारतीय रेल सेवा में कार्यरत लोक सेवक अनुराग पटेरिया ने मदद पहुंचाई। वहीं, समस्तीपुर के कल्याणपुर निवासी समाजसेवी प्रभात चौधरी ने गुड़गांव, लुधियाना और दिल्ली में कई लोगों तक राशन पहुंचाई। दूसरी तरफ सरायरंजन निवासी पीयूष कुमार, अभिषेक कुमार ने बेंगलुरु सहित कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में फंसे समस्तीपुर के लोगों की लगातार मदद कर रहे हैं।

प्रति व्यक्ति के खाते में भेज दिए हजार रुपये

सरायरंजन तिसवारा निवासी मुख्तार मुहम्मद मुंबई में रहते हैं। फेसबुक की गतिविधियों को देखते हुए उन्होंने मुंबई में रहने वाले पचास लोगों को सहायता का आश्वासन दिया, बल्कि रविवार को पीड़ित तीन व्यक्तियों के खाते में हजार-हजार रुपये की राशि भी भेज दी।


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