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विकास की धीमी रफ्तार, समस्याओं का अंबार, नौजवान बेरोजगार

खानपुर प्रखंड के श्रीपुरगाहर में लोग मूलभूत समस्याओं से त्रस्त हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण की टीम ने जब इस गांव की पड़ताल की तो लोगों ने अपनी-अपनी समस्याएं रखीं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 12:26 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 12:26 AM (IST)
विकास की धीमी रफ्तार, समस्याओं का अंबार, नौजवान बेरोजगार
विकास की धीमी रफ्तार, समस्याओं का अंबार, नौजवान बेरोजगार

समस्तीपुर । खानपुर प्रखंड के श्रीपुरगाहर में लोग मूलभूत समस्याओं से त्रस्त हैं। गुरुवार को दैनिक जागरण की टीम ने जब इस गांव की पड़ताल की तो लोगों ने अपनी-अपनी समस्याएं रखीं। ग्रामीणों ने बताया कि विकास की रफ्तार में अन्य गांवों की अपेक्षा यहां मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है। रोजगार की तलाश में नौजवान दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि भी समस्याओं का समाधान करने में विफल हो रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीण विकास योजनाओं में अनियमितता बरती जा रही है। पंचायत की आधी आबादी जल संकट से जूझ रही है। सरकार की ओर से प्रत्येक पंचायत को खुले से शौच मुक्त बनाया जा रहा है, जबकि इस पंचायत के अधिकांश लोग आज भी खुले में शौच जाते हैं। गांव में एक भी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। नल जल योजना का कार्य आधा-अधूरा है। बीपीएल में त्रुटि के कारण 20 प्रतिशत लोग राशन-केरोसिन से वंचित हैं। वर्तमान मुखिया के कार्यकाल में विकास संबंधी कुछ कार्य किए गए हैं। बैठक में समाजसेवी फूलबाबू राय, जीवछ गुप्ता, कृष्ण कुमार यादव, ब्रजमोहन राय, सहदेव यादव, विदू यादव, सुशील यादव, नागेंद्र यादव, सत्तो यादव, अनिल कुमार यादव समेत दर्जनों ग्रामीणों ने गांव की समस्याएं रखीं।

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कहते हैं लोग केंद्र और राज्य सरकार पंचायत के विकास को लेकर तरह-तरह की योजना संचालित कर रही है। लेकिन, भ्रष्टाचार में लिप्त पदाधिकारियों और कर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। जिसके कारण मनरेगा ठप है। नल जल योजना की गति काफी धीमी है। मनरेगा से कराए गए कार्य का भुगतान करने के एवज में नाजायज राशि की मांग की जाती है। जो नजराना नहीं देते हैं, उसके भुगतान को रोक दिया जाता है।

विनय कुमार झा उर्फ टनटन झा, उप सरपंच

यहां के 75 प्रतिशत किसान खेती पर निर्भर हैं। अनाज का उचित मूल्य किसानों को नही मिल पाता है। इस वजह से किसानों की माली हालत नहीं सुधर पा रही है। यहां काम है नहीं, इसलिए दूसरे प्रदेश में रोजगार की तलाश में यहां के मजदूर पलायन कर रहे हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा की स्थिति बदतर है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भी कोई नहीं सुनता।

अमरेश कुमार राय

एक वर्ष पूर्व प्रखंड की अधिकांश पंचायतों को ओडीएफ घोषित कर दिया गया। जबकि 25 प्रतिशत परिवारों के पास आज भी शौचालय नहीं है। जिन परिवारों ने शौचालय बना भी लिया है, उसमें पचीस प्रतिशत को अब भी प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई है।

अनिल कुमार यादव

बोली मुखिया : पंचायत के चहुंमुखी विकास के लिए वह संकल्पित हैं। सरकार की योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम कर रही हैं। अपने कार्यकाल में दर्जनों सड़कों का निर्माण अब तक करा चुकी हूं। दलित बस्ती में गली-नाली, आवास एवं गरीब असहाय लोगों को पेंशन दिलाने का काम भी किया है। हर घर शौचालय निर्माण कराया गया है। नौ 9 वार्ड में नल जल कार्य पूरा हो गया है। शेष वार्ड में कार्य प्रगति पर है।

उषा देवी, मुखिया एक नजर में श्रीपुरगाहर पंचायत

वार्ड - 19

आबादी-- 20,000

आंगनबाड़ी केंद्र -18

भवनहीन --12

रिक्त केंद्र-- 01

मध्य विद्यालय --2

प्राथमिक विद्यालय-- 6

उच्च विद्यालय --1

मनरेगा भवन-- 0

पंचायत भवन-- 1

पंचायत सरकार भवन-- 1

स्वास्थ्य केंद्र -- 0


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