फार्मासिस्ट का दूसरे दिन भी सत्याग्रह आंदोलन जारी
सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष के समक्ष मंगलवार को दूसरे दिन भी सदर अस्पताल के वरीय फार्मासिस्ट शंभू प्रसाद सिंह का सत्याग्रह जारी रहा।
समस्तीपुर । सिविल सर्जन कार्यालय कक्ष के समक्ष मंगलवार को दूसरे दिन भी सदर अस्पताल के वरीय फार्मासिस्ट शंभू प्रसाद सिंह का सत्याग्रह जारी रहा। फार्मासिस्ट ने कहा कि जब तक उन्हें कार्य का प्रभार नहीं मिलता है तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा। कक्ष के बाहर फार्मासिस्ट के कार्य से संबंधित अधिसूचना लागू करने, अगड़ा-पिछड़ा, दलित-महादलित बंद करने के साथ ही सदर अस्पताल को भ्रष्टाचार से मुक्त करने की मांग को लेकर सिविल सर्जन से न्याय की मांग की। सत्याग्रह को लेकर उक्त स्थल पर मजिस्ट्रेट तैनात रहे। बताया कि विभागीय स्तर पर फार्मासिस्ट के पद पर कार्य लेने हेतु पत्र निर्गत किया गया था। बावजूद इसके उनसे कार्य नहीं लिया जा रहा था। इसकी सिविल सर्जन से लिखित शिकायत भी की थी। सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने वरीय फार्मासिस्ट शंभू प्रसाद सिंह को इंजुरी, पोस्टमार्टम एवं मेडिको लीगल से संबंधित कार्य आवंटित करने का आदेश जारी किया था। साथ ही सदर अस्पताल में पदस्थापित लिपिक दिलीप कुमार सिंह को आदेश दिया था कि पोस्टमार्टम, इंजुरी व मेडिको लीगल से संबंधित कार्य का प्रभार शंभु प्रसाद सिंह को हस्तगत करा दिया जाए। निर्देश के आलोक में प्रभार नहीं मिलने पर उक्त कर्मी ने सत्याग्रह शुरू किया है। 21 को भूख हड़ताल पर बैठेंगे स्टेशन मास्टर
समस्तीपुर : समस्तीपुर रेल मंडल के सभी स्टेशन मास्टर आगामी 21 जनवरी को मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठेंगे। ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के भूतपूर्व जोनल अध्यक्ष मुंद्रिका प्रसाद सिंह ने बताया कि आइस्मा की मंडल कार्यकारिणी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। रात्रि ड्यूटी भत्ता में सीलिग एवं भत्ता बंद करने व डीए को फ्रिज किए जाने के विरुद्ध, मंडल के स्टेशन मास्टर्स, आइस्मा के बैनरतले भूख हड़ताल पर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के सामने बैठेंगे। साथ ही सरकार को संदेश देंगे कि जल्द से जल्द रात्रि ड्यूटी भत्ता में सीलिग के प्रावधान को समाप्त कर रात्रि ड्यूटी भत्ता का भुगतान शुरू करें। मंडल सचिव मनोज कुमार ने बताया कि इसके अतिरिक्त मंडलीय ग्रिवांस भी होंगे जो मंडल स्तर पर कोरोना के नाम पर बंद कर दिया गया है या कटौती किया जा रहा है जिसमें राष्ट्रीय छुट्टी भत्ता प्रमुख है जो अक्टूबर 2020 से ग्रुप सी एवं ग्रुप डी कर्मचारियों को नहीं दिया जा रहा है।