नीदरलैंड और जर्मनी के कृषि वैज्ञानिक पहुंचे सरायरंजन
नीदरलैंड और जर्मनी के कृषि वैज्ञानिकों ने शनिवार को सरायरंजन के सोनमार चौर स्थित मत्स्य पालन योजना का निरीक्षण किया। नीदरलैंड की कृषि वैज्ञानिक मिस रोज एवं जर्मनी के कृषि वैज्ञानिक मिस पालिन 4 मार्च को दिल्ली पहुंचकर मत्स्य पालकों तृषा को एवं पशु पालकों की समस्याओं को केंद्र सरकार के सभी विभाग के मंत्रियों से मिलकर उनकी समस्याओं से रूबरू कराएंगी।
समस्तीपुर । नीदरलैंड और जर्मनी के कृषि वैज्ञानिकों ने शनिवार को सरायरंजन के सोनमार चौर स्थित मत्स्य पालन योजना का निरीक्षण किया। नीदरलैंड की कृषि वैज्ञानिक मिस रोज एवं जर्मनी के कृषि वैज्ञानिक मिस पालिन 4 मार्च को दिल्ली पहुंचकर मत्स्य पालकों तृषा को एवं पशु पालकों की समस्याओं को केंद्र सरकार के सभी विभाग के मंत्रियों से मिलकर उनकी समस्याओं से रूबरू कराएंगी। दर्जनों मत्स्य पालकों द्वारा किए जा रहे मत्स्य पालन एवं मत्स्य पालन के साथ मिश्रित कृषि कार्यक्रमों का निरीक्षण करते हुए प्रसन्नता जाहिर की। इस तरह के पद्धति से हर जगह मत्स्य पालन एवं मिश्रित खेती को प्राथमिकता देनी चाहिए। विदेशी महिला कृषि वैज्ञानिक को सरायरंजन के दर्जनों किसानों के द्वारा मत्स्य पालन के साथ ही पपीता, नीबू, केला, बैगन एवं विभिन्न प्रकार की सब्जियों की भी साथ-साथ चल रही खेती को देखकर खूब प्रसन्न हुई। इसके साथ ही दोनों देशों की महिला कृषि वैज्ञानिकों ने कृषकों, पशुपालकों एवं मत्स्य पालकों को इन उद्योगों के द्वारा आजीविका प्राप्त करने में होने वाली समस्याओं से बारीकी से रूबरू हुई। महिला कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों, पशुपालकों एवं मत्स्य पालकों की समस्याओं से पूर्णतया अवगत होने के बाद राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को इन समस्याओं के समाधान के लिए मार्गदर्शन देने का आश्वासन दिया। नीदरलैंड की कृषि वैज्ञानिक मिस रोज एवं जर्मनी की कृषि वैज्ञानिक मिसेज पॉलिन ने बताया कि 4 फरवरी को दोनों कृषि वैज्ञानिक केंद्र सरकार के कृषि विभाग एवं अन्य संबंधित विभागों के मंत्रियों से रूबरू होकर सरायरंजन सहित बिहार के कृषकों, पशुपालकों एवं मत्स्य पालकों को उनके कार्यक्रमों में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए मार्गदर्शन देंगी। इसके बाद सरायरंजन सहित बिहार ही नहीं सारे देश के कृषकों पशुपालकों एवं मत्स्य पालकों के अपने संबंधित औद्योगिक कार्य में अधिक से अधिक सरलता एवं सफलता प्राप्त होगी। दोनों महिला कृषि वैज्ञानिकों के साथ वीसा फॉर्म के डॉ. राजकुमार जाट एवं सत्येंद्र कुमार के साथ विदेशी महिला कृषि वैज्ञानिकों के लिए भाषा का अनुवाद करने वाले अनुवादक रोहित कुमार भी साथ पहुंचे थे। मौके पर मत्स्य पालक नवल किशोर, सुनील कुमार, कौशल किशोर ठाकुर सहित अन्य मत्स्य पालक किसान मौजूद थे।