आरपीएफ बॉक्सर सर्वेश को मिला गोल्ड
समस्तीपुर मंडल में कार्यरत आरपीएफ कांस्टेबल सर्वेश यादव ने राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल प्राप्त कर एक मिसाल कायम किया है।
समस्तीपुर। समस्तीपुर मंडल में कार्यरत आरपीएफ कांस्टेबल सर्वेश यादव ने राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल प्राप्त कर एक मिसाल कायम किया है। कांस्टेबल वर्ष 2020 में होने वाले ओलंपिक में गोल्ड मेडल पाने का सपना संजोया है। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के माथापार गांव निवासी रमेश यादव का बड़ा पुत्र सर्वेश यादव पक्के इरादे से अपना सपना सार्थक कर दिखाया है। अपने जेहन में संजोए बेहतर प्रतिभा का जौहर दिखा कर इसने हाजीपुर जोन के समस्तीपुर रेल मंडल को गौरवान्वित किया है। गत 18 से 20 सितंबर 2018 तक कटिहार के रेलवे सीनियर इंस्टीच्यूट के मैदान में ऑल इंडिया आरपीएफ बॉ¨क्सग, बॉडी बि¨ल्डग एवं वेट लि¨फ्टग चै¨पयनशिप में हाजीपुर जोन के समस्तीपुर मंडल से सर्वेश ने भागीदारी दी थी। जहां बेहतर प्रदर्शन के लिए इसे गोल्ड मेडल दिया गया। प्रतियोगिता में सफल होने के बाद सर्वेश ने दैनिक जागरण को बताया प्रतियोगिता में 60 किलोग्राम आयु वर्ग में बेहतर प्रदर्शन के लिए गोल्ड मेडल दिया गया है। मिल रहा बेहतर सहयोग
कहा कि दैनिक ड्यूटी के बाद बॉ¨क्सग का अभ्यास के लिए आलाधिकारियों का सहयोग मिलता रहा है। कहा कि समस्तीपुर मंडल रेल प्रबंधक, मंडल सुरक्षा आयुक्त, इंस्पेक्टर समेत अन्य पदाधिकारियों का भरपूर सहयोग मिलता रहा है। आरपीएफ अधिकारियों ने भी सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आवश्यक संसाधन मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है। पहली बार जगी थी उम्मीद
बताया कि साल 2008 में पहली बार इंदौर स्टेडियम में बॉ¨क्सग व किक बॉ¨क्सग की प्रतियोगिता देखी तब कुछ करन की उम्मीदें जगी थी। साल 2009 से बॉ¨क्सग व किक बॉ¨क्सग का प्रयास शुरू किया। प्राइवेट नौकरी कर तैयारी को जारी रखा। छठी बार मिला है सम्मान
वर्ष 2010 में कोलकाता, 2011 में उड़ीसा के विशाखापत्तनम, 2012 में नई दिल्ली में संपन्न 57 किलोग्राम आयु वर्ग के उक्त प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया था। चौथी बार 2016 में मुंबई में गोल्ड मेडल मिला है। पांचवी बार 2017 में बॉ¨क्सग में गोल्ड मेडल और वेटलि¨फ्टग में सिल्वर मेडल मिला है। अब छठी बार कटिहार में ऑल इंडिया आरएपीएफ बॉ¨क्सग चैंपियनशीप में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। महज चंद संसाधन की बदौलत यह जवान 2020 में होने वाले ओलंपिक में गोल्ड मेडल पाने का सपना संजोया है। इस सफलता ने जवान को मनोबल बढ़ाया है। दैनिक ड्यूटी के बाद बॉ¨क्सग का अभ्यास के लिए आलाधिकारियों का सहयोग मिलता रहा है। संपादन : विनोद कुमार गिरि