बैंकों के कैश डिपोजित रेसियो की समीक्षा, राज्य से दो प्रतिशत अधिक है समस्तीपुर का सीडी रेसियो
Samastipur News समस्तीपुर डीएम योगेन्द्र सिंह ने सभी बैंकों के मुख्य शाखा प्रबंधकों से कहा-40 फीसद से कम सीडी रेसियो प्राप्त करने वाले शाखा प्रबंधकों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई या नहीं। इससे संबंधित लिखित सूचना उपलब्ध कराएं।
समस्तीपुर, जासं। जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वयक समिति (बैंकिंग) की समीक्षात्मक बैठक हुई। समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में आहूत बैठक में विस्तार से चर्चा करते हुए कई निर्णय लिए गए। जिलाधिकारी ने सबसे पहले बैंकों के कैश डिपोजित रेसियो की समीक्षा की। समीक्षा के क्रम में पता चला कि बिहार का सीडी रेसियो 30 जून तक 49.58 प्रतिशत था। जबकि समस्तीपुर में सभी बैंकों का सीडी रेसियो 51.62 प्रतिशत।
जिलाधिकारी ने 30 प्रतिशत से कम सीडी रेसियो वाले बैंक एवं उनकी शाखाओं को आरबीआई के गाइडलाइन के अनुसार सीडी रेसियो के लक्ष्य को अगली बैठक में पूर्ण कर आने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने सभी बैंकों के मुख्य शाखा प्रबंधकों को निर्देश दिया कि 40 प्रतिशत से कम सीडी रेसियो प्राप्त करने वाले शाखा प्रबंधकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की, इसकी लिखित सूचना दो सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराएं। डीपीएम नाबार्ड ने बताया कि हमारी एक योजना अंतर्गत जीविका के 60 दीदियों को मिथिला पेंटिंग और अन्य संबंधित कुशल कार्य के लिए नाबार्ड के द्वारा ट्रेनिंग करवाई जाएगी, जिसमें डीपीएम जीविका, प्रभारी बैंकिंग पदाधिकारी एवं उप विकास आयुक्त के सहयोग की आवश्यकता होगी। इस पर डीएम ने सभी संबंधित अधिकारियों को सहयोग करने निर्देश दिया। एसएलबीसी की समीक्षा की गई।
डीएम ने जल्द निर्माण कार्य शुरू करवाने का निर्देश दिया। डीएम ने बताया कि जिले में बहुत सारे पंचायत भवन एवं पंचायत सरकार भवन बनाए गए हैं। कई पूर्व से भी निर्मित हैं और नया बनाने का लक्ष्य जिले को प्राप्त है। इसके मद्देनजर सभी बैंकों के शाखा प्रबंधक से यह अपेक्षा है कि ग्रामीण स्तर पर भी पंचायत सरकार भवनों में अपने बैंकों की एक शाखा खुलवाएं। इसमें जिला स्तर से आवश्यक सहयोग किया जाएगा। जिन बैंकों में ग्राहक को किसी भी प्रकार की समस्या है, जैसे केसीसी, ऋण राशि या अन्य प्रकार की, उसे भेजें और उसका डेटाबेस सुरक्षित रखें। किन बैंकों के द्वारा कितने दिनों में समस्या का निराकरण करा लिया गया है, इसकी बैंकवार सूची अगली बैठक में प्रस्तुत करने का निर्देश जिला बैंकिंग प्रभारी पदाधिकारी को दिया गया।
डीएम ने एक कैलेंडर बनाकर सभी बैंकों को देने को कहा। उसके अनुसार सभी बैंक स्पेशल कैंप लगाकर, जिसमें कृषि, पशुपालन,उद्योग, गव्य विकास, जीविका आदि के पदाधिकारी को भी सूचित करें। केसीसी एवं अन्य ऋण सुविधा देने को लेकर भी निर्देशित किया। इसका अनुपालन कराने का निर्देश डीपीएम नाबार्ड एवं एलडीएम को दिया गया। जिलाधिकारी ने सभी जिला स्तरीय संबंधित पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि यह कैंप आप अपने सुविधानुसार समय-समय पर बैंकों के साथ समन्वय कर लगाते रहेंगे। साथ ही इसका क्लियर डाटा अगली बैठक में जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>किसान क्रेडिट कार्ड सृजित करने के लिए आवेदनों का बैंक वार प्रतिवेदन की समीक्षा की गई। जिन बैंकों का एक्नॉलेजमेंट कम पाया गया, उनसे नही करने का कारण पूछा गया एवं आवश्यक निर्देश दिया गया। डीएम ने डिजिटल फ्राड से बचाने के लिए ग्राहकों को जागरूक करने पर भी बल दिया। साइबर सिक्योरिटी, एटीएम फ्रॉड, साइबर क्राइम अपराध, डिजिटल बैंकिंग आदि को लेकर जागरूकता शिविर भी लगाने को कहा। बैठक में जिला बैंकिंग प्रभारी पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, नगर आयुक्त, एलडीएम, डीपीएम नाबार्ड, भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, डीपीएम जीविका, गव्य विकास पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र एवं सभी बैंकों से आए प्रतिनिधि उपस्थित थे।