नियमित टीकाकरण में लापरवाही, एएनएम के वेतन पर रोक
जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में नियमित टीकाकरण अंतर्गत लापरवाही बरती जा रही है।
समस्तीपुर । जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में नियमित टीकाकरण अंतर्गत लापरवाही बरती जा रही है। संस्थानों में निर्धारित सत्रों में टीकाकरण का आयोजन नहीं किया गया। सिविल सर्जन डॉ. विवेकानंद झा और जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सतीश कुमार ¨सहा ने सात प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को फटकार लगाई है। साथ ही संबंधित एएनएम के वेतन पर रोक लगा दी है। विदित हो कि विगत 24 सितंबर को जिला स्तर पर डीसीआर की बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में डब्लूएचओ मॉनिट¨रग फाइं¨डग के अनुसार ज्ञात हुआ कि सात स्वास्थ्य संस्थानों में सत्र का आयोजन नहीं किया गया। इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वारिसनगर, हसनपुर, बिथान, उजियारपुर, रोसड़ा, मोहिउद्दीनगर व शिवाजीनगर शामिल है। सभी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को एएनएम द्वारा सत्र आयोजित नहीं करने को लेकर स्पष्टीकरण मांग करने का आदेश दिया। तीन दिनों के अंदर स्पष्ट मंतव्य के साथ जवाब देने को कहा गया है। साथ ही स्पष्टीकरण के निराकरण तक संबंधित एएनएम के वेतन पर रोक लगा दी गई है।
बता दें कि स्वास्थ्य संस्थानों में नियमित रूप से टीकाकरण का आयोजन किया जाना है। इसको लेकर विभाग की ओर जांच प्रक्रिया भी चल रही है। बावजूद इसके स्वास्थ्य संस्थानों में लापरवाही की वजह से टीकाकरण सत्र का आयोजन नहीं किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहिउद्दीनगर में 14, हसनपुर में 11, वारिसनगर में 10, शिवाजीनगर में 7, बिथान में 4, उजियारपुर में 4 और रोसड़ा में 2 सत्रों का आयोजन नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में काफी खामियां मिली रही है। इस वजह से स्वास्थ्य संस्थानों में 20-30 प्रतिशत शिशु और 15-20 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं टीका से वंचित हो रही है। पूर्व में जांच के क्रम में इस तरह के मामले का खुलासा हुआ था। बावजूद इसके संस्थानों में लापरवाही बरती जा रही है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के 4 अप्रैल को विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा आयोजित सत्रवार टीकाकरण के पश्चात फॉर्म-एक में जो प्रतिवेदन एएनएम के माध्यम से प्रेषित की गई, उसके अवलोकन के क्रम में गड़बड़ी सामने आई थी। इसमें सत्र स्थल पर ड्यू के अनुसार लक्ष्य, देय टीकों की संख्या, जनसंख्या आदि के कॉलम में प्राय: आंकड़ा भरा नहीं जा रहा था। इसकी गहन जांच के दौरान प्रथम ²ष्टया काफी खामियां मिली थी। प्रपत्र में मिली खामियों के अतिरिक्त फॉम एक एवं एचएमआइएस में वर्णित उपलब्धियों में काफी अधिक अंतर पाया गया था। इससे प्रतीत होता है कि कार्य में असंवेदनशीलता बरती जा रही है।