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जो सब में रमण करें, वहीं हैं राम : आचार्य हेमचंद्र

प्रखंड के मऊ बाजार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में चल रहे चौथे वार्षिकोत्सव सह श्रीरामचरित मानस नवाह महायज्ञ के अवसर पर आयोजित रामकथा के दौरान वृन्दावन से पधारे रामकथा मर्मज्ञ हेमचंद्र ठाकुर जी महाराज ने कहा कि जो सब में रमण करे अथवा जिस में सब समाहित हो उसे ही राम कहते है। राम समस्त चराचर के आधार स्वरूप पालक हैं। रामकथा के पांचवें दिन बुधवार को कहा कि मानव जीवन में शिक्षा से ही कुशलता एवं पूर्णता आती है। गुरु विश्वामित्र के साथ बक्सर जाकर मायावी ताड़का सुबाहु का वध कर यज्ञ की रक्षा किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 12:02 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 06:11 AM (IST)
जो सब में रमण करें, वहीं हैं राम : आचार्य हेमचंद्र
जो सब में रमण करें, वहीं हैं राम : आचार्य हेमचंद्र

समस्तीपुर। विद्यापतिनगर प्रखंड के मऊ बाजार स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर परिसर में चल रहे चौथे वार्षिकोत्सव सह श्रीरामचरित मानस नवाह महायज्ञ के अवसर पर आयोजित रामकथा के दौरान वृंदावन से पधारे रामकथा मर्मज्ञ हेमचंद्र ठाकुर जी महाराज ने कहा कि जो सब में रमण करे अथवा जिस में सब समाहित हो उसे ही राम कहते है। राम समस्त चराचर के आधार स्वरूप पालक हैं। रामकथा के पांचवें दिन बुधवार को कहा कि मानव जीवन में शिक्षा से ही कुशलता एवं पूर्णता आती है। गुरु विश्वामित्र के साथ बक्सर जाकर मायावी ताड़का सुबाहु का वध कर यज्ञ की रक्षा किया। जहां शस्त्र बल नहीं होता वहां शास्त्र असुरक्षित रहता है। इसलिए राम ने धनुष उठाकर शास्त्र की रक्षा की। विश्वामित्र के द्वारा राम का लाया जाना रावण के आतंक के विरुद्ध क्रांति का शंखनाद कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि गौतमकुण्ड अहिल्या स्थान जाकर मिथिला यात्रा के मार्ग में राम ने शापित अहिल्या का उद्धार कर नारी शक्ति का सम्मान किया। पश्चात जनकपुर पहुंचे जहां विदेहराज जनक जी ने शिष्य समेत विश्वामित्र का भव्य स्वागत किया। विश्व में जनक जी जैसी वाटिका कहीं नहीं देखी गई। जहाँ सुन्दर गिरिजा का मंदिर एवं बारहों महीने बसंत ऋतु का वास रहता है। इसी पावन स्थल पर राम जानकी का प्रथम साक्षात्कार हुआ और कोयल कजरी राग अलापे एवं शक्ति स्वरूपा सीता के दर्शन से अपूर्ण राम ने पूर्णता का अनुभव किया। इस प्रसंग में पंडित विकास कुमार ने राम जानकी की सुन्दर झांकी प्रस्तुत कर मंच को आकर्षण का केन्द्र बनाया वहीं राहुल ठाकुर ने कोयलिया कजरी गाए आदि भजन गाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। दूसरे सत्र में आयोजित श्रीमछ्वागवत कथा के दौरान झांसी से पधारी साध्वी मंजू लता देवी ने कहा कि जो भक्त प्रभु की सच्चे मन से भक्ति करता है, उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। जिसमें परोपकार की भावना होती है, उसके जीवन में खुशियों की बहार हमेशा बनीं रहतीं हैं। मौके पर मंदिर के महंत सह कार्यक्रम संयोजक श्री विश्वकशैण रामानुज श्री वैष्णव दास उर्फ पंडित विनोद झा,आचार्य चंद्रशेखर झा, बाल व्यास मानस तिवारी, नवीन कुमार सिंह, राजेश जायसवाल, रमेश कुमार, अमरनाथ सिंह मुन्ना, गणेश साह आदि मौजूद रहे।

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