रक्षाबंधन में मायके आई थी रेखा, ससुराल पहुंचाने गया था अमित
शाहपुरपटोरी में अमित को यह नहीं मालूम था कि उसका बहनोई ही अन्य लोगों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर देगा, किन्तु हुआ ऐसा ही।
समस्तीपुर। शाहपुरपटोरी में अमित को यह नहीं मालूम था कि उसका बहनोई ही अन्य लोगों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर देगा, किन्तु हुआ ऐसा ही। चाहे मन में जो भी रंजिश रही हो, घटना शर्मनाक है। गुरुवार की देर शाम हुई इस निर्मम घटना से जहां अमित का पूरा परिवार बेसुध है, वहीं उसकी तीन-तीन बहनों की चीख से पूरा
मुहल्ला गमगीन हो गया है। हो भी क्यों नही। चार वर्ष पूर्व वर्ष 2014 में रेखा की शादी कुरसाहा में रह रहे शंकर राय के पुत्र छतीश राय से हुई थी। छतीश अपनी पत्नी रेखा को रक्षाबंधन के अवसर पर मायके पहुंचाने आया था। तब से रेखा यहीं रह रही थी। उसे कभी-कभार ससुरालवाले प्रताड़ित भी करते थे और अपर्याप्त दहेज के ताने भी देते थे। मायकेवालों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। कुछ दिन पूर्व ससुरालवालों ने कुरसाहा की सभी संपति बेचकर वैशाली जिले के नारायणपुर डेढ़पुरा में आ गए थे। अभी आए हुए एक सप्ताह भी नहीं हुआ। इसकी जानकारी रेखा को भी अच्छी तरह नहीं थी। जब उसे मालूम हुआ कि कुरसाहा का सारा सामान नारायणपुर डेढ़पुरा ले जाया गया तो वह अपने सामान को देखने के लिए पहले कुरसाहा गई और वहां नहीं मिलने पर भाई के साथ नारायणपुर डेढ़पुरा पहुंची, जहां यह घटना घट गई। अमित की मां ज्ञानी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। बहन रेखा, सुलेखा और गीता रह-रहकर बेसुध हो जा रही है। भाई संजीत और रंजीत की आंखों के आंसू सूख नहीं रहे। चकरमन स्थित आवास पर लोगों की भीड़ उमड़ी हुई है। कई पंचायत प्रतिनिधि और क्षेत्र के गण्यमान्य लोग ढ़ाढ़स बंधाने के लिए सुबह से खड़े हैं किन्तु अमित तो सदा के लिए चला गया और दरिन्दों ने उसकी इस तरह हत्या की कि मानवता के रूह कांप जाएगी। रेखा को नहीं मालूम था कि रक्षाबंधन में जिस भाई की कलाई पर राखी बांधने आयी है, वह भाई उससे बिछड़ जाएगा। रेखा 6 भाई बहन में सबसे बड़ी है। उसकी एक 3 वर्ष
की बेटी भी है। पिता उमेश अपने दरवाजे पर सुबह से लगातार बैठे हैं। उनके मुंह से आवाज तक नहीं निकल रही और आसपास आने-जाने वालों लोगों की सुध भी उन्हें नहीं है। अमित अभी हाल ही में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण किया था। उसे पूरे गांव में साहसी युवक के रूप में लोग जानते थे। उसके नहीं रहने से घर का एक सबसे बड़ा सहारा खो गया।