रेल गुमटी बनी शहर का ब्रेकर..ओवर ब्रिज निर्माण अबतक सपना
समस्तीपुर। चुनाव आ गया। कई कद्दावर नेता एक बार फिर मैदान में दिखेंगे । लोगों को आश्वासन देंगे।
समस्तीपुर। चुनाव आ गया। कई कद्दावर नेता एक बार फिर मैदान में दिखेंगे । लोगों को आश्वासन देंगे। जीतने पर आपकी समस्याओं का निराकरण करेंगे या नहीं करेंगे ये तो बाद की बात है। लेकिन, पहले किया गया वादा अब तक पूरा क्यों नहीं हुआ, इसका जबाव शायद ही उनके पास हो। ऐसा ही वादा समस्तीपुरवासियों से भी किया गया था जो, पूरा ना हो सका। यह मुद्दा सालों से मुंह बाये खड़ा है। बात भोला टॉकिज रेल गुमटी पर ओवरब्रिज निर्माण की हो रही है। शहर को दो हिस्सों में बांटने वाले ताजपुर रोड स्थित रेल गुमटी पर ओवरब्रिज बनने का सपना शहर के लोग सालों से देख रहे हैं इसके निर्माण को लेकर सियासत भी खुब हुई। लेकिन नहीं हुआ तो इस ओवर ब्रिज का निर्माण। दरअसल इस रेल फाटक के बंद होने के साथ ही सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। फाटक खुलने के बाद दोनों ओर की गाड़ियां रेंगते हुए निकलती हैं जिसमें घंटों लग जाते हैं। यह फाटक शहर की सबसे विकट समस्या बन चुकी है। जिससे शहरवासी निजात चाहते हैं। जागरण संवाददाता प्रकाश कुमार की रपट। ---समस्तीपुर शहर मूल रूप से रेलवे लाइन के दक्षिण भाग में अवस्थित है। बीते दशक में शहर के का विस्तार काफी तेजी से हुआ है। हालांकि, उस अनुपात में सुविधाओं का अब तक विकास नहीं हो पाया है। शहर के ताजपुर रोड में कई कॉलोनियों अवस्थित है। इसके अलावा इस सड़क मार्ग से ही ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी आबादी शहर में प्रवेश करती है। समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड की वजह से ताजपुर रोड स्थित भोला टॉकिज चौक पर समपार फाटक संख्या 53 ए अवस्थित है। उक्त मार्ग से ही समस्तीपुर से पूसा बाजार होते हुए मुजफ्फरपुर के लिए बस परिचालित होती है। इसके अलावा पंजाबी कॉलोनी, धर्मपुर जाने के लिए स्कूली बस भी रेल फाटक पर रुकती है। जिस कारण ही भी जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। ताजपुर रोड में बहुमंजिला इमारत, मॉल, मॉर्केट कॉम्पलैक्स बन जाने की वजह से रेल फाटक पर पुल निर्माण में समस्या है। इसके लिए धर्मपुर चौक, बाजोपुर चौक से बड़े वाहनों को निकालने की मांग की जा रही है। सुबह और शाम में होती है सबसे अधिक परेशानी
जाम की सबसे अधिक परेशानी सुबह और शाम के समय होती है। सुबह 9 से 11 बजे तक लगातार रेल गाड़ियां गुजरती है। इस समय स्कूली बच्चों और नौकरीपेशा लोगों को निकलने की जल्दी होती है। अगर गुमटी पर जाम में फंस गए तो देर होना तय है। वहीं शाम के समय साढ़े चार से साढ़े सात बजे तक फाटक बहुत कम अंतराल पर बंद होता है। उस समय बाजार में काफी भीड़ होती है। कई बार तो जाम के कारण रेल फाटक गिराना मुश्किल हो जाता है। सुबह और शाम के समय शहर में प्रवेश करने या बाहर निकलने के लिए लोगों के लिए एकमात्र रास्ता यही गुमटी है। हर दिन लोग यहां फंसने पर प्रशासन और नेताओं को कोसते हैं जो केवल वादे करते हैं, उन्हें पूरा करने का संकल्प नहीं दिखाते। इस लोकसभा चुनाव में इस रेल फाटक पर ओवर ब्रिज निर्माण का मुद्दा गर्म रहेगा। बाजोपुर चौक के रास्ते वाहनों को गुरुआरा चौक ले जाने की उठी मांग शहर के ताजपुर रोड में जाम की समस्या से त्रस्त लोगों ने अब आवाज उठाना शुरू कर दिया है। स्थानीय निवासी शहर के कर्पूरी बस पड़ाव से पूसा के रास्ते मुजफ्फरपुर जाने वाली बसों, पंजाबी कॉलोनी और धर्मपुर जाने वाली बसों को बाजोपुर चौक के रास्ते गुरुआरा चौक पर निकालने की मांग शुरू कर दी है। गुमटी बंद होने की स्थिति में प्रशासन से इसी मार्ग को वैकल्पिक मार्ग के रूप में विकसित करने की मांग उठने लगी है। फाटक बंद होने की वजह से लोगों को घंटों सड़क पर वाहन खड़ा करना पड़ता है और अपना कीमती वक्त बर्बाद करना पड़ता है। 24 घंटे में करीब 60 बार बंद होता फाटक
समस्तीपुर-मुजफ्फरपुर रेलखंड के समपार फाटक संख्या 53 ए 24 घंटा में करीब 60 बार बंद होती है। कुछ ट्रेनें साप्ताहिक है और अक्सर मालगाड़ी भी आती है। अगर साप्ताहिक ट्रेनों और मालगाड़ियों की आवाजाही ना भी हो, तब भी हर दिन करीब 50 बार फाटक का बंद होना निश्चित है। एक बार फाटक बंद होने पर उसे खुलने में करीब दस से पंद्रह मिनट लगते है। इतनी देर में गाड़ियों की कतार लग जाती है। आवागमन में कितनी असुविधा होती होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। शहर के लोग अब इस परेशानी से तंग आ चुके हैं उन्हें रेलप्रशासन, स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से इस बात की शिकायत है कि इतनी बड़ी परेशानी होने के बावजूद अबतक इसका निराकरण करने के लिए क्यों नहीं प्रयास किया गया। जनता जवाब मांग रही है।