बुलगानीन घाट के पास गंगा नदी में प्रदूषण फैलाने पर रोक
शवदाह के बाद बुलगानीन गंगा घाट पर प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के विरुद्ध एक अहम फैसला दिया गया है।
समस्तीपुर। शवदाह के बाद बुलगानीन गंगा घाट पर प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण के विरुद्ध एक अहम फैसला दिया गया है। पटोरी अनुमंडल के लोक शिकायत निवारण अधिकारी महेश कुमार ने एक मामले की सुनवाई में ऐसा फैसला दिया है। सुल्तानपुर निवासी रंधीर भाई के द्वारा एक मामला इस न्यायालय के तहत दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि बुलगानीन गंगा घाट के सभी दुकानदार डस्टबिन का प्रयोग नहीं करते हैं। शवदाह के क्रम में उस घाट पर काफी संख्या में लोग विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचते हैं। खाने पीने के लिए यहां प्लास्टिक के पत्तल, ग्लास आदि का प्रयोग किया जाता है । बाद में उसे गंगा नदी में फेंक दिया जाता है । यह भी शिकायत की गई थी कि दुकानदार डस्टबिन का प्रयोग नहीं करते। सुनवाई के दौरान पटोरी के बीडीओ को भी आदेश दिया गया था कि इसपर कार्रवाई करें। फैसले में कहा गया है कि बीडीओ ने हेतनपुर पंचायत के मुखिया को इस संबंध में लिखा और अपनी जवाबदेही को टालने का प्रयास किया । फैसले में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि गंदगी फैलाकर मानव के लिए खतरनाक संक्रामक बीमारियों को फैलाने का वातावरण करना दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 269 एवं 270 के तहत दंडनीय अपराध है। बाद में जारी निर्देश पर बीडीओ ने पत्रांक 1010 के द्वारा सूचित किया कि बुलगानीन गंगा घाट पर स्थित आठ दुकानदारों को नोटिस जारी किया गया है कि वे डस्टबिन का प्रयोग करें और प्लास्टिक जैसे कचरों को गंगा नदी में नहीं फेकें। जिनके नाम से नोटिस जारी किया गया है उनमें दुकानदार रामचंद्र साह, लखन साह, नन्हकी कुमार राय, सूरत राय, संजय साह, शैलेंद्र साह, रंजीत साह, अरुण कुमार के नाम शामिल हैं। मामले पर इस तरह के फैसले के बाद रंधीर भाई व अन्य लोगों ने हर्ष व्यक्त किया है और कहा है कि इस क्षेत्र में गंगा नदी के प्रदूषण को रोकने में यह फैसला मददगार साबित हो सकेगा।