गर्भवती महिलाओं को सर्वाधिक एनेमिक होने का खतरा
शरीर में हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है।
समस्तीपुर । शरीर में हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 प्रतिशत तथा महिलाओं में 11 से 14 के बीच होना चाहिए। जिस किसी को भी मात्रा कमी होती है उसे एनेमिक कहा जाता है। यह तब होता है, जब शरीर के रक्त में लाल कणों या कोशिकाओं के नष्ट होने की दर, उनके निर्माण की दर से अधिक होती है। किशोरावस्था और रजोनिवृत्ति के बीच की आयु में एनीमिया सबसे अधिक होता है। वैसे एक आंकड़े के मुताबिक देश में 80 प्रतिशत से अधिक गर्भवती महिलाएं इससे पीड़ित है। गर्भवती महिलाओं को बढ़ते शिशु के लिए भी रक्त निर्माण करना पड़ता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को एनीमिया होने की संभावना होती है। यह कहना है हिमैटोलोजी विभाग के डीएम डा. अभिनाश कुमार का। वे रविवार को स्थानीय आईएमए भवन में आयोजित एक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। डा. एके झा और डा. आरएन ¨सह की अध्यक्षता में हुए सेमिनार को संबोधित करते हुए डा. कुमार ने इसे एक गंभीर बीमारी बताया। त्वचा के सफेद दिखने, जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी, कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट को इसका मुख्य लक्ष्ण बताया। उन्होंने सबसे प्रमुख कारण लौह तत्व वाली चीजों का उचित मात्रा में सेवन नहीं करने को बताया। उन्होंने इसके लिए लौह तत्वयुक्त चीजों के सेवन करने, विटामिन'ए'एवं'सी'युक्त खाद्य पदार्थ खाने, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी लड़कियों को नियमित रूप से 100 दिन तक लौह तत्व व फॉलिक एसिड की 1 गोली रोज रात को खाने के बाद लेने की सलाह दी। भोजन के बाद चाय के सेवन से भी बचने को कहा। यह जानकारी डा. सुशांत कुमार ने दी।