काव्य संध्या में पुस्तक 'रक्षाबंधन' का हुआ लोकार्पण
कुसुम पांडेय स्मृति साहित्य संस्थान के तत्वावधान में रविवार की रात्रि केंद्रीय विद्यालय के समीप कुसुम सदन में काव्य संध्या का आयोजन हुआ।
समस्तीपुर । कुसुम पांडेय स्मृति साहित्य संस्थान के तत्वावधान में रविवार की रात्रि केंद्रीय विद्यालय के समीप कुसुम सदन में काव्य संध्या का आयोजन हुआ। साथ ही डॉ. परमानंद लाभ की कृति 'रक्षाबंधन' पुस्तक का लोकार्पण भी सामूहिक रूप से किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध वज्जिका तथा गजल के रचनाकार ज्वाला सांध्य पुष्प सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्था के अध्यक्ष शिवेंद्र कुमार पांडेय ने अगस्त माह में जन्म लेने वाले ¨हदी के प्रखर रचनाकार आचार्य शिव पूजन सहाय, गोपाल ¨सह नेपाली, रामेश्वर ¨सह कश्यप उर्फ लोहा ¨सह, आरसी प्रसाद ¨सह, पंडित राम दयाल पांडेय, पंडित हंस कुमार तिवारी, डॉ. राजेंद्र किशोर, डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी, भीष्म सहनी, रघुपति सहाय फिराक, मैथिली शरण गुप्त आदि के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया। साथ ही प्रखर स्वतंत्रता सेनानी मदन लाल धींगरा, राज गुरु, राज कुमार शुक्ल के अलावे अगस्त 1942 के महान बलिदानियों के त्याग और उत्सर्ग का स्मरण करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। गोस्वामी तुलसी दास को समर्पित बज्जिका में लिखे रामकथा के कुछ अंशों का पाठ ज्वाला सांध्य पुष्प द्वारा किया गया। कार्यक्रम में श्रावण मास में प्रकृति की मनोरम छवि, बोलबम के साथ भगवान शिव की स्तुति के अलावा देश प्रेम, मधुर गीत, गजल, हास्य-व्यंग्य के साथ ही भोजपुरी, मैथिली और वज्जिका की रचनाएं भी छायी रही। शिवेंद्र कुमार पांडेय की पंक्ति बंद घरों में दौड़ चला, दिल भी तब बंद हुए, मन रुढ़े रिश्ते उलझे, अनुशासन सिमट गए की खूब सराहना की गई। मौके पर डॉ. रामदेव महतो, राम लखन यादव, दिनेश प्रसाद, रामाश्रय राय राकेश, राज कुमार राय राजेश, ओम प्रकाश ओम, डॉ. राम सूरत प्रियदर्शी, कुशेश्वर दास, ज्वाला सांध्य पुष्प, शिवेंद्र कुमार पांडेय, शिवशंकर पर्यावरणी, विष्णु कुमार केडिया, निसार अहमद, सुबोध नाथ मिश्र, प्रवीण वत्स, राम अशीस, प्रवीण कुमार चुन्नू, जगमोहन चौधरी, वासुदेव नारायण आदि उपस्थित रहे। रचनाकारों का स्वागत और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रामेश गौरीश ने किया। अध्यक्षता डॉ. रामदेव महतो ने की। संचालन राज कुमार राय राजेश ने किया।