ओपीडी चालू, मरीज ही बरत रहे परहेज
अनुमंडलीय अस्पताल रोसड़ा की ओपीडी व्यवस्था लगातार जारी है। लेकिन पूर्व की तुलना में मरीजों की संख्या करीब आधी हो गई है। जानकारी के अनुसार प्रतिदिन अनुमंडल क्षेत्र के करीब सौ मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। इसमें अधिकतर डायरिया व एलर्जी आदि से पीड़ित होते हैं। ओपीडी भवन को बंद कर नवनिíमत नर्सिग कॉलेज में ही मरीजों को चिकित्सा सेवा मुहैया कराई जा रही है।
समस्तीपुर । अनुमंडलीय अस्पताल रोसड़ा की ओपीडी व्यवस्था लगातार जारी है। लेकिन, पूर्व की तुलना में मरीजों की संख्या करीब आधी हो गई है। जानकारी के अनुसार, प्रतिदिन अनुमंडल क्षेत्र के करीब सौ मरीज अस्पताल पहुंचते हैं। इसमें अधिकतर डायरिया व एलर्जी आदि से पीड़ित होते हैं। ओपीडी भवन को बंद कर नवनिíमत नर्सिग कॉलेज में ही मरीजों को चिकित्सा सेवा मुहैया कराई जा रही है। विगत तीन दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो ओपीडी में कुल 282 मरीजों की जांच कर दवा भी दी गई। साथ ही, 119 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच संपन्न हुई। इसके अलावा 23 बच्चों को वैक्सीन तथा 122 मरीजों का विभिन्न प्रकार की पैथोलॉजी जांच भी की गई है। पूर्व में दो सौ से अधिक मरीज निश्चित रूप से ओपीडी में पहुंचते थे। आज के समय में आधे से भी कम हो चुके हैं। वहीं, अस्पताल में जननी बाल सुरक्षा के तहत प्रसव की संख्या में भी कमी आई है। इन तीन दिनों में 31 गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया जो पूर्व के आंकड़ों से काफी कम है। लॉकडाउन के दौरान सर्पदंश के मरीज इक्का-दुक्का पहुंचे हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार सर्पदंश की दवा समुचित मात्रा में उपलब्ध है, जबकि एंटी रेबीज उपलब्ध नहीं रहने के कारण डॉग बाइट के शिकार का इलाज नहीं हो पाता है। उपाधीक्षक डॉ. राणाविश्व विजय प्रताप सिंह बताते हैं कि कारोना महामारी प्रारंभ होने के बाद से अस्पताल पहुंचने वाले सामान्य मरीजों की सुरक्षा का विशेष प्रबंध जारी है। चिकित्सक व कर्मी मास्क एवं आवश्यक सुरक्षा किट के साथ कार्य कर रहे। बगैर मास्क के आनेवाले मरीज को तत्क्षण मास्क भी मुहैया कराया जाता है । पटोरी अस्पताल : अब अस्पताल में सबकुछ हो रहा सामान्य
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शाहपुर पटोरी, संस : अब पटोरी अनुमंडलीय अस्पताल में भी धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने लगी है। सामान्य रोगी भी अब घर से निकल कर अस्पताल तक पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं टीकाकरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है तथा आशा की ट्रेनिग भी फिजिकल डिस्टेंसिग के साथ शुरू कर दी गई है। अनुमंडलीय अस्पताल मुख्यालय से लेकर ग्रामीण केंद्रों पर भी बच्चों का टीकाकरण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इस संबंध में चिकित्सा प्रभारी डॉ. अमिताभ रंजन ने बताया कि बुधवार को ओपीडी में लगभग 70 मरीजों को देखा गया। देखे गए मरीजों में 40 प्रतिशत मरीज सर्दी, खांसी और बुखार से परेशान थे। शेष डिसेंट्री, डायरिया और गर्मी के प्रभावों से पीड़ित थे। कई बच्चे भी ओपीडी में देखे गए, जिन्हें जुकाम और निमोनिया की शिकायत थी। कुछ लोग रेबीज से संबंधित भी आए। फिलहाल अनुमंडलीय अस्पताल में आवश्यक दवाएं उपलब्ध हैं। एंटी रेबीज दवाएं भी अस्पताल में फिलहाल उपलब्ध है। प्रभारी ने बताया कि कई दवाएं जो नहीं हैं, उसके विषय में विभाग को लिखा गया है।