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गौरीनाथ महादेव की अराधना से पूर्ण होती मुरादें

उजियारपुर प्रखण्ड के परोरिया पंचायत के झरूल्ला स्थान में स्थित गौरीनाथ महादेव मंदिर की ख्याति क्षेत्र के लोगों में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

By Edited By: Published: Sat, 13 Aug 2016 01:09 AM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2016 01:09 AM (IST)
गौरीनाथ महादेव की अराधना से पूर्ण होती मुरादें

समस्तीपुर। उजियारपुर प्रखण्ड के परोरिया पंचायत के झरूल्ला स्थान में स्थित गौरीनाथ महादेव मंदिर की ख्याति क्षेत्र के लोगों में दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस मंदिर में स्थित शिव¨लग की पूजा करके लोग अपनी मुरादों को पूर्ण करने में सफल हो रहे हैं। यहां श्रावण मास की अंतिम सोमवारी को हजारों श्रद्धालू झमटिया से कांवर के साथ बोलबम के नारे के साथ आते हैं और शिव¨लग पर जल अर्पित कर पूजा अर्चना करते हैं। इस अवसर पर मेले का भी आयोजन होता है। जिसमें आस-पास के लोगों की भीड़ यहां की रौनक बढ़ाती रहती है।

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मंदिर का इतिहाससन 1984 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा जगन्नाथ मिश्र ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। परोरिया पंचायत के सलेमपुर निवासी स्वर्गीय जयनाथ मिश्र उनके ससुर थे। इस कारण श्री मिश्र का आगमन गांव में अक्सर हुआ करता था। यहां के लोगों की आकांक्षा तथा उनके महादेव के प्रति आस्था के प्रतिफल उन्होंने यहां भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। तभी से गांव के लोगों में महादेव की कृपा से सुख समृद्धि में वृद्धि हो रही है। एनएच 28 के बसढिया चौक से सरायरंजन जाने वाली मुख्य पथ पर इस मंदिर की भव्यता गांव के सौन्दर्यीकरण में चार चांद लगा रहा है।

बोले ग्रामीण

कन्हैया जी कहते हैं कि गौरीनाथ मंदिर में यहां के निवासी शादी विवाह के अवसर पर इनकी पूजा करने आते हैं। साथ ही साल में कई युवाओं की शादी भी इस मंदिर में संपन्न होती है। महादेव की नियमित सेवा पंडित रामबाबू चौधरी सुबह-शाम आरती वंदन के साथ करते हैं।

मुखिया श्रीराम साह उर्फ मनोज कुमार कहते हैं कि गौरीनाथ महादेव की कृपा से यहां के बच्चों में संस्कार का उदय हुआ है। कई छात्र पढकर डाक्टर तथा इंजीनियर बने हैं। हर तरफ समृद्धि फैली है। आसपास के लोग नियमित मंदिर में पूजा अर्चना करते पहुंचते हैं।

मुकेश कुमार राय कहते है कि गौरीनाथ महादेव से जो भी पीड़ित अपनी सच्चे मन से अपनी व्यथा सुनाते हैं। उनका संकट टल जाता है। वैसे तो यहां प्रत्येक दिन श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकिन श्रावण मास में भक्तों की विशेष भीड़ जुटती है। कावंर लेकर लोग यहां चढ़ाने पहुंचते हैं।


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