शिक्षाविद् व राजनेताओं के गांव में एक अदद हाईस्कूल नहीं
दलसिंहसराय प्रखंड मुख्यालय से बेहद करीब रामपुर जलालपुर पंचायत की पहचान आर्थिक दृष्टि से समृद्ध और खुशहाल के रूप में होती है। इस गांव के कई शिक्षाविद् और राजनेता राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बना चुके हैं।
समस्तीपुर । दलसिंहसराय प्रखंड मुख्यालय से बेहद करीब रामपुर जलालपुर पंचायत की पहचान आर्थिक दृष्टि से समृद्ध और खुशहाल के रूप में होती है। इस गांव के कई शिक्षाविद् और राजनेता राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अपनी पहचान बना चुके हैं। लेकिन, इतना सब होने के बावजूद गांव में रहने वाले लोग एक अदद हाई स्कूल के लिए तरस रहे हैं। इस पंचायत के छात्र-छात्राओं को हाई स्कूली शिक्षा के लिए दलसिंहसराय शहर जाना पड़ता है। छात्रों के लिए तो संभव है, पर छात्राओं के लिए यह परेशानी का सबब है। इतना ही नहीं 12 हजार आबादी वाली इस पंचायत के लोगों की मुख्य समस्या गांव की मुख्य सड़क है। पंचायत के लोग गांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर बने दर्जनों गड्ढे और जलजमाव से परेशान हैं। दलसिंहसराय शहरी क्षेत्र के अनुमंडलीय अस्पताल से लेकर रामपुर जलालपुर के बीएड कालेज तक सड़कों पर इतने गड्ढे हैं कि लोग इसकी गिनती भी नहीं कर सकते। दूसरे शब्दों में कहे तो रामपुर जलालपुर पंचायत की यह मुख्य सड़क, गड्ढे में पूरी तरह तब्दील है। किसानों को नहीं है समुचित सिचाई की सुविधा
दैनिक जागरण की ओर से आयोजित चौपाल में ग्रामीणों ने गांव की समस्याओं पर खुलकर चर्चा की। लोगों ने कहा कि यहां की अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर हैं। लेकिन किसानों को समुचित सिचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है। परिणाम स्वरूप सिचाई के लिए निजी पंपसेट का सहारा लेना पड़ता है, जो काफी महंगा है। लोगों ने कहा कि गांव के विकास के लिए अलग से कार्य योजना बनाकर उस पर अमल करने जरूरत है। सड़क, स्वास्थ्य, सिचाई, जल निकासी आदि मूलभूत सुविधाएं सही ढंग से उपलब्ध नहीं है। रोजगार की व्यवस्था नहीं रहने से काम की तलाश में पढ़े-लिखे युवक दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं। यहां तक की मजदूरी करने वाले भी दूसरे प्रदेश का रूख करते हैं। कार्य को धरातल पर ईमानदारी से उतारने की जरूरत है। इसके लिए जमीनी स्तर पर सर्वे होना चाहिए। मुख्य सड़क जर्जर हो चुकी है। संपर्क पथ पर पीसीसी तो हुई, लेकिन जल निकासी की समस्या बरकरार है। खासकर वर्षा होने पर कीचड़ और जलजमाव की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। जागरूकता के अभाव में महादलित बस्ती के बच्चे आज भी विद्यालय से दूर हैं। महादलित बस्ती में सभी घरों तक बिजली का कनेक्शन नहीं हो पाया है। हालांकि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के अंतर्गत नाली-गली योजना के तहत 13 सौ फीट में नई पाइप लाइन बिछाई गई है। जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल प्राप्त हो सके। गांव के बसंत कुमार चौधरी, रामलगन राय, अरुण कुमार चौधरी, कृष्ण मुरारी चौधरी, ओम प्रकाश चौधरी, मुकेश चौधरी, निरंजन चौधरी, श्री निवास चौधरी आदि ने गांव की समस्याओं को रखा।
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एक नजर में पंचायत
वार्ड की संख्या -13
कुल जनसंख्या -11788
कुल मतदाता- 6408
उच्च विद्यालय -00
मध्य विद्यालय -02
प्राथमिक विद्यालय -04
जलमीनार -01
डाकघर - 01
पुस्तकालय -01
स्वास्थ्य केंद्र -01
बैंक -00
पंचायत सरकार भवन - 01
निजी आइटीआइ कॉलेज - 02
बीएड कॉलेज - 02
मनरेगा भवन -00
पैक्स गोदाम -00
आंगनबाड़ी केंद्र संचालित -12
आंगनबाड़ी केंद्र भवन - 00
जलसंसाधन भवन -00
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कहते हैं गांव के लोग
फोटो : 04 एसएएम 02
गांव में सड़क, नाली आदि की समस्या का समाधान होना जरूरी है। हर बार योजनाएं तो बनती हैं, लेकिन वह गांव में धरातल पर नहीं उतर पाती है।
बसंत कुमार चौधरी, वार्ड 6 फोटो : 04 एसएएम 03
गांव में जितना विकास होना चाहिए, हो नहीं पाया है। गांव में स्वास्थ्य सुविधा का घोर अभाव है। पूरा गांव जल निकासी की समस्या से जूझ रहा है। इस समस्या का समाधान होना चाहिए।
- रामलगन राय,वार्ड संख्या 11 फोटो : 04 एसएएम 04
गांव में पढ़े-लिखे युवाओं की कमी नहीं है, लेकिन रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों में पलायन करने को मजबूर हैं।
- अरुण कुमार चौधरी, वार्ड संख्या 07 फोटो : 04 एसएएम 05
गांव में कुछ विकास कार्य हुए हैं। लेकिन, कई समस्या अब भी मौजूद है। खेती करने के लिए सिचाई की कोई सुविधा नहीं है। जिससे किसान परेशान हैं।
कृष्ण मुरारी चौधरी, वार्ड संख्या 6 बोले मुखिया :::
फोटो : 04 एसएएम 06
पंचायत का विकास कार्य जारी है। अभी मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल जल का कार्य चल रहा है। लगभग 13 फीट नाली-गली का निर्माण किया गया है। इसके अलावा शत-प्रतिशत घरों में शौचालय निर्माण कराया गया है। गांव के विकास के लिए वे हमेशा तत्पर हैं। बहुत जल्द प्रखंड से होने वाले सभी कार्य अब पंचायत सरकार भवन से किए जाएंगे।
मुखिया सुमित भूषण चौधरी