Move to Jagran APP

मानवीय गुणों को विकसित करने की जरुरत

मनुष्य को अपने भीतर गुणों को विकसित करने की जरुरत है। तभी परमात्मा के समान बन सकत हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 11:58 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 11:58 PM (IST)
मानवीय गुणों को विकसित करने की जरुरत
मानवीय गुणों को विकसित करने की जरुरत

समस्तीपुर । मनुष्य को अपने भीतर गुणों को विकसित करने की जरुरत है। तभी परमात्मा के समान बन सकत हैं। यह बातें शनिवार को सरायरंजन प्रखंड मुख्यालय स्थित पीएचसी के परिसर में ईश्वरीय ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबांधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस आये बी.के. मिरोल सिमौन ने कही। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय के लोग जीवन जीने की शैली नहीं जानते है, लेकिन नौकरी, व्यापार आदि काम मशीन की तरह करते है। शाम के वक्त जब वे लौटते है तो अपने आप को अशांत महसूस करते है। इसका मुख्य कारण यह है कि इस मशीनी युग में मानव स्वयं को मशीन समझने लगे हैं। कहा कि इसके निराकरण के लिए मनुष्य को स्वयं को पहचानना आवश्यक है कि मैं इस शरीर से, आत्मा से चैतन्य ज्योतिस्वरूप मस्तक के बीच विराजमान अजर-अमर आत्मा हूं। जैसे योग करने से मनुष्य के अंदर की परेशानी कम होगी और मन शांत हो जायेगा। इस लिए हमलोगों को परमात्मा से जुड़कर शक्ति प्राप्त होती है और उससे हमे आगे का रास्ता दिखाई देता है। इससे खुद का भी विकास होता है और समाज का भी विकास होता है। इसलिए हमलोगों को अपने विकास के साथ-साथ समाज को भी विकास होता है। कार्यक्रम में बी.के. कुन्दन, बी.के. रीशुबहन, बी.के. डॉ. फनीशचन्द्र, बी. अशोक भाई, डॉ. विजय कुमार, डॉ. रमेश ¨सह, डॉ. अवनीश कुमार गुप्ता, डॉ. पंकज

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.