मशरूम उत्पादन से आएगी आर्थिक संपन्नता : डॉ. ¨सह
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के आधार विज्ञान विभाग के द्वारा आयोजित मशरूम उत्पादन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का उद्घाटन प्रसार शिक्षा निदेशक ने किया।
समस्तीपुर। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के आधार विज्ञान विभाग के द्वारा आयोजित मशरूम उत्पादन पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण का उद्घाटन प्रसार शिक्षा निदेशक ने किया। उद्घाटन करते हुए प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. केएम ¨सह ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों के महिलाओं को मशरूम की गुणवत्ता समझ में आ गई है। यह विश्वविद्यालय के लिए बहुत बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि मशरूम की खेती से आर्थिक संपन्नता के साथ- साथ पौष्टिकता भी भरपूर मात्रा में है। जिसकी जरूरत सभी लोगों को है। उन्होंने कहा कि खेती के योग्य भूमि दिनों दिन घटती जा रही है। ऐसे में मशरूम उत्पादन एक बहुत अच्छा उत्पादन है। जिसमें जमीन एवं प्रकाश की आवश्यकता नहीं पड़ती है। उन्होंने कहा कि बिहार की जलवायु में सालों भर मशरूम की खेती की जा सकती है। सभी मौसम के लिए अलग-अलग प्रभेद हैं। जिसकी खेती कर किसान सफलता प्राप्त कर सकते हैं। मशरूम के उत्पादन के साथ-साथ अब इसके प्रसंस्करण पर भी बल दिया जा रहा है। मौके पर उपस्थित आधार विज्ञान अधिष्ठाता डॉक्टर हर्ष कुमार ने कहा कि महिलाओं की जागरूकता विकास के धोतक हैं। गर्मी के मौसम में दूधिया मशरूम की खेती आसानी से की जा सकती है। वही मौके पर डॉ. एके ¨सह एवं मशरूम वैज्ञानिक डॉ दयाराम के द्वारा मशरूम के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि बिहार में पचास हजार परिवार मशरूम उत्पादन से जुड़ गया है। प्रशिक्षण में जमुई जिला के चकाई के आदिवासी एवं समस्तीपुर के खानपुर प्रखंड के प्रशिक्षणार्थी मौजूद थे।