विधायक ने अस्पताल का किया औचक निरीक्षण
मोहिउद्दीननगर में विधायक राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को स्थानीय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में अस्पताल की व्यवस्था से रूबरू हुए।
समस्तीपुर । मोहिउद्दीननगर में विधायक राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को स्थानीय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में अस्पताल की व्यवस्था से रूबरू हुए। इस क्रम में चिकित्सा पदाधिकारी और कई चिकित्सक गायब मिले। जुटे लोगों ने अपने विधायक को यहां की समस्याओं से अवगत कराते हुए जनहित में कई मांगे रखी। विधायक ने बीडीओ कृष्ण कुमार सिंह और सीओ प्रमोद रंजन के साथ अस्पताल परिसर पहुंचकर कुव्यवस्था को देख बिफर पड़े। शौचालय की व्यवस्था नहीं होने, चिकित्सकों के नियमित नहीं रहने, प्रसव के लिए उचित उपस्कर, दवा व महिला चिकित्सकों का अभाव सहित अन्य चीजों की कमी को गंभीरता से लिया। साथ ही इस ओर उचित कदम उठाने की बात भी कही। अस्पताल परिसर में बंद पड़े नवनिर्मित शौचालय को चालू कराने का निर्देश दिया। स्थानीय बाजार में सामूहिक शौचालय की व्यवस्था करने का निर्देश बीडीओ को दिया। वहीं सड़क पर से टेंपो स्टैंड को हटाने और आमजनों को जाम की समस्या से निजात दिलाने को कहा। विधायक ने कहा कि अस्पताल में कुव्यवस्था है। इसमें सुधार और नियमित तौर पर चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। स्वास्थ मंत्री मंगल पाण्डेय से मिलकर अस्पताल की कुव्यवस्था को रखा जाएगा। साथ ही इसमें सुधार के लिए आग्रह भी करेंगे। मौके पर प्रदीप चौधरी, संतोष सिंह, रविश सिंह सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। अब खेती में कृषि यंत्रों की भूमिका बढ़ती जा रही है : सिंह
डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के अधीनस्थ कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय में सोमवार को स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल के सदस्य डॉ केके सिंह ने कहा कि किसानों एवं कृषि के विकास में वैज्ञानिकों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। हमें किसानों के आवश्यकताओं एवं उनकी समस्याओं को देखते हुए अनुसंधान एवं कृषि यंत्र बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अब कृषि में कृषि यंत्रों की भूमिका बढ़ती जा रही है। विश्वविद्यालय के कार्यों की पूरी प्रशंसा की एवं कहा कि हमें और भी आगे बढ़ने की जरूरत है। मौके पर मौजूद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर सी श्रीवास्तव ने कहा कि भविष्य कि कृषि बहुत हद तक कृषि अभियंत्रण से जुड़ा होगा एवं कृषि अभियंत्रण की कृषि विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। मजदूरों की समस्याओं को लेकर कृषि यंत्र की मांग काफी बढ़ रही है। हमें इस पर सोचना चाहिए। भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अपने अनुसंधान की दिशा तय करें। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में रोज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा रिमोट सेटिग कृषि की परंपरागत तरीके को बहुत हद तक बदल देंगे। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर कार्य कर रहे हैं। इस वार्षिक महोत्सव में पूर्ववर्ती छात्रों को भी कार्यक्रम में जोड़ा गया। साथ में अभियंत्रण महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता डॉ ए पी मिश्रा, डॉ. एके पी सिंह सहित कई गणमान्य लोगों के साथ महाविद्यालय के डीन डॉ. अमरीश कुमार सहित कई लोग मौजूद थे।