बाजार में खुलेआम घूम रहे प्रवासी, संक्रमण की चिंता नहीं
इन दिनों पटोरी बाजार में प्रवासियों को बेखौफ घूमते हुए देखा जा रहा है। नतीजा यह है कि आम लोग अब इससे और ज्यादा भयभीत हैं। संक्रमण फैलने के भय से अब वे घरों से निकलने में घबराने लगे हैं।
समस्तीपुर । इन दिनों पटोरी बाजार में प्रवासियों को बेखौफ घूमते हुए देखा जा रहा है। नतीजा यह है कि आम लोग अब इससे और ज्यादा भयभीत हैं। संक्रमण फैलने के भय से अब वे घरों से निकलने में घबराने लगे हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, मुंबई, दिल्ली आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग अपने अपने घरों की ओर लौटे हैं। इनमें से अधिकांश लोग क्वारंटाइन सेंटर पर रखा गया था, परंतु काफी संख्या में लोग ट्रेन से उतर कर अपने गांव चले आए। इतना ही नहीं बस से भेजे गए लोग, जिन्हें अनुमंडलीय अस्पताल पर स्क्रीनिग कराना था, वहां से भी काफी संख्या में लोग अपने घर चले आए। नतीजा यह है कि ऐसे लोग बेखौफ बाजार में घूम रहे हैं। जिस समय दुकानें खुलती हैं, भीड़ में ऐसे लोग भी उपस्थित रहते हैं। इनके द्वारा संक्रमण फैलने की संभावना काफी बढ़ गई है। इधर, प्रशासन का दावा है कि अधिकांश लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। साथ ही गांव में बिना सूचना के आए लोगों की खोज के लिए चौकीदारों की भी नियुक्ति कर दी गईं हैं। लोगों की काफी संख्या में विभिन्न गांवों में उपस्थिति प्रशासन के नियंत्रण से बाहर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल पटोरी में 28 क्वारंटाइन सेंटर चल रहे हैं। इनमें से 15 प्रखंड स्तर के हैं और बाकी पंचायतों में चलाए जा रहे हैं। पंचायतों में चल रहे अधिकांश सेंटर से लोग चले गए हैं। इन सेंटरों पर लोग 7 से 10 दिनों तक ही रहे। कई सेंटर ऐसे थे जहां पर लोगों ने अपनी क्वारंटाइन की निर्धारित अवधि पूरी की। इस संबंध में कई प्रवासियों ने बताया कि गर्मी के कारण उन्हें इन सेंटरों पर काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। शौचालय की कमी और पर्याप्त संख्या में पंखे नहीं होने के कारण उन्हें गर्मी और मच्छर के कारण रात भर जागना पड़ रहा था। ऐसी स्थिति में एकमात्र विकल्प यही था कि वे अपने घर चले जाएं। इधर, प्रखंड विकास पदाधिकारी नवकंज कुमार ने बताया कि लोग अपने क्वारंटाइन की अवधि पूरी कर ही लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि मानक के अनुरूप प्रवासियों को सारी सुविधाएं दी जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रखंड स्तरीय क्वारंटाइन सेंटर लगातार चालू रहेगा। लेकिन, पंचायत स्तर के बदले लोगों को प्रखंड स्तर पर ही रखने की व्यवस्था की गई है।