आत्मनिर्भर बनेंगे प्रवासी कामगार, कवायद तेज
पूसा में कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के सभागार में शनिवार से तीन दिवसीय दो अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण मुर्गी पालन एवं फार्म मशीनरी पर दिया जाएगा।
समस्तीपुर । पूसा में कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के सभागार में शनिवार से तीन दिवसीय दो अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण मुर्गी पालन एवं फार्म मशीनरी पर दिया जाएगा। गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत इस प्रशिक्षण में ज्यादातर प्रशिक्षणार्थी प्रवासी मजदूर हैं। फार्म मशीनरी की जानकारी देते हुए इंजीनियर शैलेश कुमार ने कहा कि हमें अपने यंत्रों की देखरेख करना आवश्यक है। तभी वह अच्छे ढंग से काम कर सकेगा। उन्होंने कार्य प्रारंभ करने से पूर्व कौन-कौन सी सावधानी एवं कार्य संपन्न होने के बाद उक्त मशीनरी को कैसे देखभाल करें, इस पर विस्तार पूर्वक बताया। वहीं दूसरी ओर घरेलू मुर्गी पालन पर चर्चा करते हुए संबंधित वैज्ञानिक डॉ. रंजन कुमार ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए यह एक अच्छा व्यवसाय है। उन्होंने घरेलू मुर्गी पालन के लिए उपयुक्त नस्ल जैसे कड़केनाथ, वनराजा तथा अन्य नस्ल के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी। घर के आहार से ही कैसे प्रबंधन कर मुर्गी पालन किया जा सकता है, सहित उसके रहन-सहन एवं घरेलू चारा जैसे एजोला, सहजन की पत्तियां तथा केंचुआ खिलाने से यह काफी तेजी से विकास करता है। सही प्रबंधन पर 4 से 6 महीने के उम्र में लगभग डेढ़ किलो का वजन हो जाता है। जिसका मूल्य बाजार में 300 से 400 रुपये प्रति किलो रहता है। मौके पर संस्था के प्रधान कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर के तिवारी ने सभी प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान को अपने जीवन में उतार कर इसे आय का स्त्रोत बनाएं। उन्होंने कहा कि कृषि से जुड़े कई व्यवसाय हैं जिससे लोग अपनी अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।