मधुबनी पेंटिग से संदेश, देश बचाओ स्वदेशी अपनाओ
स्वदेशी वस्तुओं को तरजीह देने के उद्देश्य से मधुबनी पेंटिग बनाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लॉकडाउन अवधि में विभिन्न तरह का पेंटिग बनाने के बाद अब चित्रकार डॉ. कुंदन कुमार राय स्वदेशी अपनाने का संदेश देने को लेकर पेंटिग बनाई है।
समस्तीपुर । स्वदेशी वस्तुओं को तरजीह देने के उद्देश्य से मधुबनी पेंटिग बनाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लॉकडाउन अवधि में विभिन्न तरह का पेंटिग बनाने के बाद अब चित्रकार डॉ. कुंदन कुमार राय स्वदेशी अपनाने का संदेश देने को लेकर पेंटिग बनाई है। पेंटिग में सीमा पर खड़े सशस्त्र सैनिक, भारत मां के हाथ में तिरंगा, मेक इन इंडिया को तरजीह देते हुए स्वदेशी अपनाने, आत्मनिर्भर बनने, कोरोना के कहर के बाद चाइनीज सामग्री का बहिष्कार करने पर मिथिला पेंटिग बनाई है। गलवन घाटी में चीनी सैनिकों से खूनी झड़प में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए चीन के बने सामान से दूरी बनाने को लेकर जागरूक कर रहे है। चित्रकार डॉ. राय ने कहा कि देश का प्रत्येक नागरिक अध्यापक, डॉक्टर, इंजीनियर या विद्यार्थी होने से पहले सच्चा देशभक्त है। गलवन घाटी में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के साथ पूरा देश खड़ा है। हम अपने घरों में इसीलिए सुरक्षित हैं कि देश की सीमा पर हमारे सैनिक पहरेदार बनकर खड़े हैं। उन्होंने लोगों से स्वदेशी अपनाने और चाइनीज वस्तुओं का बहिष्कार करने की अपील करते हुए कहा कि प्रत्येक देशवासी ऐसा करके भी राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दे सकता है। स्वदेशी अपनाना सच्ची देशभक्ति
स्वदेशी अपनाना स्वाभिमान का विषय है। स्वदेशी अपनाकर हम देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकते है। ईस्ट इंडिया एक विदेशी कंपनी व्यापार करने आई और हमें लंबे समय तक गुलामी सहनी पड़ी। आज देश भले आजाद है किन्तु पांच हजार से भी ऊपर विदेशी कंपनियां हमारे देश से हर वर्ष खरबों रुपये ले जाते है, जिसका असर हमारे देश के कारोबार में पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज अपने देश में हर चीज उच्च स्तर की उपलब्ध है, जरूरत है तो बस हमें जागरूक होने की और दूसरों को करने की। स्वदेशी अपनाना सच्ची देश भक्ति है। दुनिया के विकसित देश इसी मंत्र से विकसित हुए है।