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ग्रामीण जीविकोपार्जन को अपशिष्ट प्रबंधन कृषि मेले का उद्देश्य

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में आयोजित 16 फरवरी से तीन दिवसीय किसान मेला की तैयारी पर कुलपति ने संवाददाताओं से बात की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 10:33 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 06:09 AM (IST)
ग्रामीण जीविकोपार्जन को अपशिष्ट प्रबंधन कृषि मेले का उद्देश्य
ग्रामीण जीविकोपार्जन को अपशिष्ट प्रबंधन कृषि मेले का उद्देश्य

समस्तीपुर। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा में आयोजित 16 फरवरी से तीन दिवसीय किसान मेला की तैयारी पर कुलपति ने संवाददाताओं से बात की। कहा कि मेले का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जीविकोपार्जन हेतु कृषि अपशिष्ट प्रबंधन रखा गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा देवघर एवं मुजफ्फरपुर बाबा गरीबनाथ से बेल पत्र एवं फूल मंगाकर जैविक खाद बनाया जा रहा है, जो काफी गुणवत्ता युक्त है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण एक बहुत बड़ी चुनौती है, उसको स्वीकारते हुए विश्वविद्यालय ने कई ठोस कदम उठाए हैं। ऐसे में ही यह एक कृषि अपशिष्ट प्रबंधन मुख्य है। उन्होंने कहा कि मेले में कुल 150 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें 55 विश्वविद्यालय के अधीनस्थ विभिन्न संकायों के रहेंगे। वहीं, बाकी स्टॉल पर बाहरी विभिन्न कंपनियों के लगाए जाएंगे। साल स्टॉल आइसीआर के इंस्टीट्यूट, नागपुर के फर्मासिस्ट, सिजेंटा कंपनी सहित विभिन्न कंपनियों के स्टॉल लगाए जा रहे हैं। वह अभी तक लगभग 2500 किसानों के मेले में आने की पुष्टि हो चुकी है। किसान मेले में किसान गोष्ठी के साथ-साथ कृषि की आमदनी को बढ़ाने पर चितन एवं मंथन कार्यक्रम भी 17 फरवरी को किया जाएगा। जिसका उद्घाटन बिहार सरकार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार करेंगे। हालांकि, मेले का उद्घाटन बिहार सरकार के योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी करेंगे। 17 फरवरी को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री कैलाश चौधरी भी मेले में भाग लेंगे। समापन समारोह में 18 फरवरी को भारत सरकार के पशु एवं गव्य विकास एवं मत्स्य मंत्री गिरिराज सिंह आएंगे एवं विश्वविद्यालय में समापन समारोह के साथ-साथ क्लाइमेट चेंज भवन का उद्घाटन सहित कई भवनों के उद्घाटन करने की बात कुलपति ने बताई। कहा कि मुख्य अतिथि को इस बार मेले में अरहर के डंठल से बने हैंडीक्राफ्ट भी भेंट किया जाएगा। पशु प्रदर्शनी भी इस मेले में लगाए जाएंगे। वहीं, कुलपति ने कहा कि मेले परिसर में किसी भी वाहन के प्रवेश वर्जित रहेंगे। इसके लिए रूट चार्ज बनाया जा रहा है। साथ-साथ किसानों को इनाम के तौर पर नकद राशि नहीं देकर उस राशि से कृषि यंत्र या कृषि में उपयोग होने वाले सामग्री देने की संभावना है। मेले में 16 फरवरी के रात्रि में कल्चर प्रोग्राम एवं 17 फरवरी को कवि गोष्ठी का भी आयोजन किया गया है। इस मेले में बिहार के अलावा अन्य राज्यों से भी किसानों के आने की उम्मीद है। मौके पर मेला पब्लिक समिति के चेयरमैन डॉ. राकेश मनीष शर्मा, निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एमएस कांडू, सूचना पदाधिकारी डॉ. कुमार राजवर्धन मौजूद थे।

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