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न्यायालय और चिकित्सालय को बनाएं सुविधायुक्त : मुख्य न्यायाधीश

पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश केपी शाही ने सोमवार को व्यवहार न्यायालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सभी न्यायालयों कार्यालयों सेशन हाजत सदर हाजत रिकॉर्ड रुम का बारिकी से देखा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 12:19 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 06:30 AM (IST)
न्यायालय और चिकित्सालय को बनाएं सुविधायुक्त : मुख्य न्यायाधीश
न्यायालय और चिकित्सालय को बनाएं सुविधायुक्त : मुख्य न्यायाधीश

समस्तीपुर । पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश केपी शाही ने सोमवार को व्यवहार न्यायालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सभी न्यायालयों, कार्यालयों, सेशन हाजत, सदर हाजत, रिकॉर्ड रुम का बारिकी से देखा। मुख्य न्यायाधीश ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को आवश्यक सुझाव भी दिया। इस क्रम में उनके साथ जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर झा, प्रधान न्यायाधीश पियूष कमल दीक्षित, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुजीत कुमार श्रीवास्तव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजीव रंजन सहाय समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। मुख्य न्यायाधीश ने न्यायिक पदाधिकारी एवं अनुमंडल पदाधिकारी अशोक मंडल, डीएसपी प्रीतीश कुमार, डीसीएलआर, सीओ समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक करते आवश्यक दिशा निर्देश दिए। अंत में व्यवहार न्यायालय परिसर में पौधरोपण किया गया। मुख्य न्यायाधीश सह मुख्य न्यायमूर्ति के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई थी।

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वकील संघ ने समस्याओं से कराया अवगत

मुख्य न्यायाधीश से जिला वकील संघ की अध्यक्ष किरण सिंह, महासचिव विमल किशोर राय, कमलेश्वर झा, अजय कुमार, कृष्ण कुमार, विश्वनाथ राय, तुफैल अहमद, नंद कुमार सिंह नवीन, राकेश कुमार, अशोक कुमार सिंह नंबर-6, दिलीप कुमार सिंह, जयशंकर सिंह, पंकज कुमार, अमित कुमार सिंहा, संजय कुमार सिंह आदि ने मिलकर उत्पन्न समस्याओं से अवगत कराया। जिसपर न्यायाधीश ने जिला जज को आवश्यक निर्देश दिए।

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दलसिहंसराय में न्यायालय, आवास और अधिवक्ता भवन निर्माण के प्रस्तावित स्थल का लिया जायजा

फोटो: 20 एसएएम 13, 20

दलसिंहसराय, संस: न्यायालय और चिकित्सालय लोग मजबूर होकर ही जाते हैं। इसलिए यहां लोगों के साथ काम करने वालों की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखना जरुरी है। इसे ध्यान में रखकर ही न्यायालय भवन निर्माण के लिए स्थल का चयन किया जाना चाहिए। उक्त बातें उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस अमरेन्द्र प्रताप शाही ने कही। वे सोमवार को दलसिंहसराय अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ भवन में अधिवक्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यवहार न्यायालय के लिए सुविधायुक्त भवन और अन्य व्यवस्था के लिए कम से कम छह एकड़ भूमि की आवश्यकता है। वर्तमान न्यायालय परिसर काफी छोटा है। इस परिसर में लगभग दो एकड़ भूमि है। चीफ जस्टिस ने कहा कि जिस तरह शीध्र न्याय दिलाने के लिए न्यायिक पदाधिकारी संकल्पित हैं। ठीक उसी तरह हम न्यायालय परिसर को सुविधायुक्त, सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए भी सोच रखते है। इसके लिए कार्यपालिका तथा अधिवक्ताओं और न्यायार्थियों का सहयोग भी आवश्यक है। संघ भवन में अधिवक्ताओं ने मिथिला की परंपरा के अनुसार चीफ जस्टिस का स्वागत किया। इससे पूर्व चीफ जस्टिस ने दलसिंहसराय न्यायालय परिसर स्थित अपने कक्ष में न्यायिक अधिकारियों और अन्य पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की। उन्होंने न्यायिक पदाधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए। इसके उपरांत उन्होंने न्यायालय भवन निर्माण के लिए शहर के शंभुआ, कमरांव, चकुर्तुजा, विश्वासपुर और नवादा में स्थलों का निरीक्षण किया। मौके पर डीजे चन्देश्वर झा, एडीजे राजकिशोर पांडेय, एसीजेएम प्रथम कुमार ऋषिकेश, एसीजेएम द्धितीय आनन्द अभिषेक, एसीजेएम तृतीय मुकेश कुमार, एसडीजेएम विवेक विशाल, प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी विनीत कुमार सिंह, जिलाधिकारी दिवेश सेहरा, एसडीओ विष्णुदेव मंडल आदि मौजूद रहे।

पटोरी में न्यायालय के लिए प्रस्तावित भूमि का लिया जायजा

शाहपुर पटोरी, संस: पटोरी व्यवहार न्यायालय के प्रस्तावित भवन के लिए भूमि का निरीक्षण करने तथा चल रहे अन्य न्यायिक कार्यों का मुआयना करने के लिए सोमवार को पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ए पी शाही पटोरी पहुंचे। उनके साथ जिला न्यायाधीश चंद्रशेखर झा, जिलाधिकारी दिवेश सेहरा, एसी अजय कुमार राय भी पहुंचे। मुख्य न्यायाधीश ने वर्तमान भवन में चल रहे व्यवहार न्यायालय के भवन का निरीक्षण किया तथा इसके पूरे कैंपस का निरीक्षण कर यहां चल रहे न्यायिक कार्यों का भी जायजा लिया। न्यायाधीश ने पूरे कैंपस का निरीक्षण कर व्यवहार न्यायालय के स्थायी भवन निर्माण की संभावनाएं भी तलाशी। न्यायाधीश ने निरीक्षणोपरांत जोड़पुरा तथा शाहपुर उंडी स्थित कृषि विभाग की भूमि का भी निरीक्षण किया ताकि न्यायालय के लिए भवन का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू हो सके। ज्ञात हो कि पूर्व में भी न्यायाधीश ने जोड़पुरा की भूमि पर भवन निर्माण की स्वीकृति दी थी और इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। सोमवार को 9 बजे मुख्य न्यायाधीश व्यवहार न्यायालय पटोरी के परिसर में पहुंचे जहां उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उनके साथ जिला न्यायाधीश, डीएम सहित अन्य अधिकारियों ने भी परिसर का मुआयना किया तथा व्यवहार न्यायालय के लिए कई भूमि का निरीक्षण किया। अधिवक्ताओं ने न्यायाधीश का स्वागत करते हुए एक मांग पत्र भी सौंपा। इस मांग पत्र में न्यायालय के लिए भवन निर्माण, न्याय कर्मियों की सुरक्षा, परिसर की चहारदीवारी, पेयजल, अधिवक्ताओं के बैठने की समुचित व्यवस्था आदि की मांग की गई। मौके पर सब जज अभिषेक कुणाल, एसडीओ मोहम्मद शफीक, एएसपी विजय कुमार, सीओ चंदन कुमार, अधिवक्ता महावीर ठाकुर, अनिल कुमार शर्मा, रामकुमार पांडे, सदानंद राय, रामयत्न राय राणा मनोज सिंह समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे। रोसड़ा में मल्टी स्टोरी न्यायालय और आवास का होगा निर्माण

रोसड़ा, संस: सोमवार को दोपहर बाद रोसड़ा व्यवहार न्यायालय पहुंचे पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एपी साही ने न्यायालय के इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तृत जायजा लिया तथा न्यायालय के साथ साथ बहुमंजिला आवासीय परिसर निर्माण पर बल देते हुए इसे जल्द प्रारंभ कराने का निर्देश जिलाधिकारी एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश को दिया। न्यायालय परिसर पहुंचते ही सभी पदाधिकारियों द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर भव्य स्वागत किया गया। सर्वप्रथम न्यायाधीश ने स्थानीय पदाधिकारियों से रोसड़ा न्यायालय की पूरी भूमि के संबंध में जानकारी हासिल की। तत्पश्चात न्यायिक भवन से उत्तर स्थित खाली पड़े भूखंड का जायजा लेते हुए अविलंब बहुमंजिला न्यायालय भवन बनाने की योजना तैयार करने को कहा। मौके पर मौजूद भवन निर्माण विभाग के अभियंता को उन्होंने भूमि के अनुरूप मॉडल नक्शा बनाने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश ने पूरे परिसर का भ्रमण कर न्यायिक एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते रहे। वर्तमान में चहारदीवारी के साथ साथ पेयजल एवं जल निकासी सुविधा के संबंध में भी एडीजे वेद प्रकाश सिंह से आवश्यक पूछताछ की। इस बीच अधिवक्ता संघ के महासचिव सीताराम यादव द्वारा संघ के लिए मांगी गई जमीन पर मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें भी संघ का भवन मल्टीस्टोरी बनाने की सलाह दी। कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राशि दी जा रही है जिससे भव्य निर्माण संभव है। तत्पश्चात दल बल के साथ उपकारा रोसड़ा के पीछे स्थित भूखंड पर पहुंचे न्यायाधीश ने न्यायिक पदाधिकारियों के लिए आवास हेतु प्रस्तावित भूखंड का भी जायजा लेते हुए संतोषजनक बताया। यहां भी अविलंब कार्य प्रारंभ करने का आदेश दिया। मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंद्रशेखर झा, जिलाधिकारी दिवेश सेहरा, एडीजे प्रथम वेद प्रकाश सिंह, द्वितीय राजीव कुमार, सब जज प्रथम दिवेश कुमार, तृतीय अंजनी कुमार गोंड, पंचम द्विजेंद्र कुमार, एसडीजेएम दीपचंद्र पांडे, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी एल एन त्रिपाठी एवं द्वितीय श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप श्रीवास्तव के अलावा एडीएम विनय कुमार, एसडीएम अमन कुमार सुमन, एसडीपीओ अरुण कुमार दुबे, अंचलाधिकारी नरेंद्र कुमार एवं थाना अध्यक्ष अमित कुमार आदि मुख्य रूप से शामिल थे।

अधिवक्ताओं ने सौंपा छह सूत्री मांगों का ज्ञापन

न्यायालय परिसर में भ्रमण के दौरान अधिवक्ता संघ भवन पहुंचे मुख्य न्यायाधीश अमरेन्द्र प्रताप शाही का अधिवक्ताओं ने भव्य स्वागत किया। झ्स दौरान संघ के अध्यक्ष रामानंद साहू एवं सचिव सीताराम यादव द्वारा संयुक्त रुप से छह सूत्री मांगों का ज्ञापन भी सौंपा गया। जिसमें मुख्य रूप से सिविल वादों के निष्पादन हेतु एडिशनल मुंसिफ का पद सृजित करने, सब जज द्वितीय एवं चतुर्थ के रिक्त पदों की भरने, परिवार न्यायालय के एडिशनल जज की व्यवस्था करने, व्यवहार न्यायालय में स्टाफ की कमी को दूर करने, निष्पादित अभिलेखों का समुचित रखरखाव के लिए अभिलेखागार और लेखापाल की व्यवस्था करने तथा उपस्कर एवं अन्य सुविधाओं के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी को निर्देश देना शामिल है।


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