चार ट्रेनों से परदेस गए महज 301 यात्री, सामान्य बोगी भी रही खाली
लॉकडाउन में इधर-उधर फंसे लोगों को गंतव्य तक पहुंचने का सिलसिला जारी है। अनलॉक वन में ज्योंही ट्रेनें खुलीं उससे लोग अपने गंतव्य तक जाने लगे। हालांकि यात्रा करनेवाले वैसे ही लोग हैं जो खुद कहीं और रह गए तो परिवार कहीं और। सो मौका मिलते ही वे स्वजन से मिलने चल पड़े।
समस्तीपुर । लॉकडाउन में इधर-उधर फंसे लोगों को गंतव्य तक पहुंचने का सिलसिला जारी है। अनलॉक वन में ज्योंही ट्रेनें खुलीं, उससे लोग अपने गंतव्य तक जाने लगे। हालांकि, यात्रा करनेवाले वैसे ही लोग हैं जो खुद कहीं और रह गए तो परिवार कहीं और। सो मौका मिलते ही वे स्वजन से मिलने चल पड़े। हां, कुछ वैसे लोग भी हैं जो दिल्ली या अन्य प्रदेशों में काम करते थे और लॉकडाउन से पूर्व समस्तीपुर आए थे। जबकि, उनके और लोग वहीं थे। शुक्रवार को समस्तीपुर स्टेशन पर मिले कल्याणपुर निवासी राजाराम ने बताया कि मां-पिताजी से मिलने मार्च के आरंभ में ही आया था। जाने की सोच ही रहा था कि लॉकडाउन हो गया। अब जा रहा हूं, क्योंकि पत्नी-बच्चे सब वहीं है। पूसा के राम प्रकाश बताते हैं कि वे वहां एक कंपनी में वेब डेवलपर का काम करते हैं। यहां रहकर वे क्या कर सकते हैं सो जा रहे हैं।
बिरौल के कुछ लोग ट्रेन पकड़ने समस्तीपुर स्टेशन पहुंचे थे। इनलोगों ने अमृतसर जानेवाली शहीद एक्सप्रेस में अपना टिकट आरक्षित करवाया था। गांव छोड़ कर पंजाब जानेवाले प्रवासियों में पांच पुरुष एवं छह महिलाएं शामिल थीं। इस समूह के मुखिया राजो सदा ने बताया कि सीधा अमृतसर जाएंगे। क्योंकि वहां से कई बार बुलावा आया है। समस्तीपुर से 301 लोगों ने की यात्रा
शुक्रवार को समस्तीपुर जंक्शन से 301 लोगों ने अपनी यात्रा अन्य प्रदेशों के लिए की। इसमें बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से 138, वैशाली सुपरफास्ट से 91 एवं शहीद एक्सप्रेस से 32 एवं लोकमान्य तिलक टर्मिनल जाने वाली पवन एक्सप्रेस से 37 लोगों ने अपनी यात्रा की। स्टेशन पर नहीं लग रही पहले की तरह भीड़
लॉकडाउन से पूर्व स्टेशनों पर यात्रियों की जो भीड़ लगती थी अब नहीं लग रही। यात्रा करने वाले भी कुछेक ही हैं। स्थिति यह कि सामान्य बोगी भी खाली ही चल रही है जबकि पहले इन ट्रेनों के सामान्य बोगी में पैर रखने तक की जगह नहीं होती थी।