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गुड़ प्रसंस्करण बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार का बेहतर माध्यम

डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के ईख अनुसंधान केंद्र परिसर में गुड़ प्रसंस्करण केंद्र का उद्घाटन कुलपति के द्वारा शनिवार को किया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 12:15 AM (IST)Updated: Sun, 23 Feb 2020 12:15 AM (IST)
गुड़ प्रसंस्करण बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार का बेहतर माध्यम
गुड़ प्रसंस्करण बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार का बेहतर माध्यम

समस्तीपुर । डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के ईख अनुसंधान केंद्र परिसर में गुड़ प्रसंस्करण केंद्र का उद्घाटन कुलपति के द्वारा शनिवार को किया गया। मौके पर कुलपति डॉ. आर सी श्रीवास्तव ने कहा कि गुड़ प्रसंस्करण ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार युवकों के लिए स्वरोजगार बेहतर माध्यम है। ईख की खेती करने वाले किसान अपने खेतों में लगाकर अच्छा रोजगार भी सृजन कर सकते हैं। इससे अच्छी आमदनी भी प्राप्त होगी। गुड़ में पर्याप्त मात्रा में औषधीय गुण पाए जाते हैं। उम्रदराज लोग अगर इसका सेवन करें तो काफी लाभदायक होगा। अनुसंधान के ²ष्टिकोण से इस प्रसंस्करण के मशीन की कीमत करीब 15 लाख रुपए है। जबकि किसानों को इस प्रोसेसिग यूनिट की कीमत करीब 10 लाख रुपये लगेगी। मौके पर इस प्रोसेसिग प्लांट के विशेषज्ञ सोनू कश्यप ने बताया कि एक प्लांट को सही तरीके से संचालन के लिए चार से पांच लोगों की आवश्यकता पड़ती है। गन्ने के रस से गुड़ का चक्की या वेली के साथ-साथ टिकिया के रूप में भी निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाजार की मांग को देखते हुए इसे प्रोसेसिग प्लांट से वैसे ही गुड़ निकाल सकते हैं। मौके पर ईख अनुसंधान निदेशक डॉ. अनिल सिंह, डॉ. बलवंत सिंह, डॉ. मिथिलेश कुमार आदि मौजूद थे।

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