प्रत्येक व्यक्ति से प्रेम व मैत्री का भाव रखना जरूरी
समाज के प्रत्येक व्यक्ति को प्रेम और मैत्री संबंध स्थापित करने में रामायण पाठ का महत्व सर्वोपरि है। यह सामाजिक नैतिकता परिवारिक सामंजस्यता एवं धार्मिक भावना के प्रति आस्था जगाकर मानवता की संपूर्ण कला सिखाती है।
समस्तीपुर । समाज के प्रत्येक व्यक्ति को प्रेम और मैत्री संबंध स्थापित करने में रामायण पाठ का महत्व सर्वोपरि है। यह सामाजिक नैतिकता, परिवारिक सामंजस्यता एवं धार्मिक भावना के प्रति आस्था जगाकर मानवता की संपूर्ण कला सिखाती है। यह बात उजियारपुर प्रखंड की मालती पंचायत स्थित मां दुर्गा मंदिर परिसर में रविवार को अखंड रामायण पाठ के समापन के अवसर पर रामभक्तों ने लोगों को रामायण का संदेश सुनाते हुए कही। जनमानस कल्याण समिति दुर्गा स्थान मालती के प्रथम स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित रामायण गोष्ठी की शुरुआत शनिवार को पंडित नीरज कुमार मिश्रा के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापित करके किया गया। रामायण गोष्ठी हेतु पिछले वर्ष व्यास स्वर्गीय गुलाब प्रसाद मिश्र यहां समिति की स्थापना की गई थी। तब से समिति के सदस्यों द्वारा प्रतिमाह रामचरितमानस का सुंदरकांड पाठ नियमित रूप से किया जा रहा है। इसकी प्रथम वर्षगांठ पर आयोजित अखंड रामायण गोष्ठी में समिति के अध्यक्ष रामकृष्ण सिंह, कृष्णदेव साह, रामशरण सिन्हा, सुरेंद्र सिंह, जगदीश प्रसाद सिंह, नंदू सिंह, रामयतन सिंह, अमर कुमार साह, चंद्रमोहन सिंह, ध्रुव नारायण सिंह, राम लखन सिंह आदि ने अपना योगदान दिया। मौके पर दर्जनों श्रद्धालु मौजूद थे।