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ड्रॉप गेट होता तो नहीं प्रवेश करता ट्रक, न जाती किसी की जान

समस्तीपुर। मोरवा रात के करीब एक बजे थे। बाहर-बाहर से आए श्रद्धालु थके-हारे अपने-अपने टेंट में आराम कर रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 11:31 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 11:31 PM (IST)
ड्रॉप गेट होता तो नहीं प्रवेश करता ट्रक, न जाती किसी की जान
ड्रॉप गेट होता तो नहीं प्रवेश करता ट्रक, न जाती किसी की जान

समस्तीपुर। मोरवा, रात के करीब एक बजे थे। बाहर-बाहर से आए श्रद्धालु थके-हारे अपने-अपने टेंट में आराम कर रहे थे। अचानक से एक अनियंत्रित ट्रक आया जो पांच लोगों को कुचल डाला। इसमें दो की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। क्षण भर में ही चीख-पुकार मच गई। अफरातफरी के बीच लोग यह भी नहीं समझ पाए कि आखिरकार माजरा क्या है। यह ट्रक कहां का है। कौन उसे चला रहा था। आक्रोशित भीड़ ने उसमें आग लगा दी। सुरक्षा में पहुंची पुलिस वालों को भी खदेड़ दिया गया। उसके बाद तो पूरे मेला परिसर में तांडव मच गया। मधेश्वर सहनी अपनी आंखों देखी सूना रहे थे। कहा कि बाइक भी जला दी गई। पुलिस वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। थाना पर भी हमला करने की कोशिश की गई। इलाज करने वाले चिकित्सकों को भी लोगों ने नहीं बख्शा। पुलिस ने संयम से काम लिया वरना एक और बड़ी घटना हो जाती। पुलिस ने जो हवाई फायरिग किया यदि पब्लिक पर गोली चल जाती तो क्या होता। रामकेश्वर चौधरी का प्रश्न स्वाभिवक है कि इतने बड़े मेले में कोई ड्रॉप गेट नहीं था, न ही कोई डायवर्सन। यदि यह इंतजाम होता तो शायद ट्रक मेला में प्रवेश ही नहीं करता और शायद इतना बड़ा हादसा भी नहीं होता। हालांकि पुलिस अधीक्षक यह भी बताती हैं कि किसी श्रद्धालु का ही ट्रक था। जो वहां लोगों को लेकर आया था। उत्पात से पूरे परिसर से उत्साह काफूर

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श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच छिपे उत्पातियों ने पूरे परिसर में कोहराम मचा दिया। पुलिस की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर पलट दिया तो एएसआइ सहित तीन पुलिस पदाधिकारियों एवं महिला पुलिस कर्मियों के साथ भी मारपीट की। किसी तरह संयम से काम लेते हुए पुलिसकर्मी बैरंग वापस हो गए। इसके बाद भीड़ थाना परिसर तक पहुंच गई वहां भी स्थानीय लोगों ने एक हादसे को टाला। किसी तरह स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आठ राउंड हवाई फायरिग भी की। शोक व मातम के बीच राजकीय मेला का हुआ उद्घाटन

शोक व मातम के बीच शनिवार को राजकीय मेला का उदघाटन हुआ। उपविकास आयुक्त वरुण कुमार मिश्रा, उप समाहर्ता विनय कुमार सिन्हा, डीएसपी बीके सिंह, मेला समिति के अध्यक्ष रामाश्रय सहनी ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उपविकास आयुक्त ने इस मेला में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मेला के सफल आयोजन की कामना की। मेला समिति के अध्यक्ष रामाश्रय सहनी, शर्वेन्दु कुमार शरण, एवं जिला पार्षद हरेराम सहनी ने मेला में समुचित व्यवस्था नहीं किए जाने पर चिता जतायी। कहा कि समुचित डायवर्सन नहीं बनाया गया। मेला क्षेत्र से दूरवर्ती क्षेत्र में बनाए गए डायवर्सन में ड्राप गेट भी नहीं बनाया जिसके कारण ट्रक जैसे भारी वाहन मेला क्षेत्र में प्रवेश कर गया। लोगें ने उच्चस्तरीय जांच कर लापरवाही बरतने वाले दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। अधिकारियों ने इसका आश्वासन भी दिया साथ ही मृतक के परिजनों को चार लाख मुआवजा दिलाने का आश्वासन भी दिया। मौके पर बीडीओ शिव शंकर राय, कृषि पदाधिकारी जगदीश प्रसाद सिन्हा एवं अन्य पुलिस बलों को मेला में समुचित सुरक्षा व्यवस्था कायम रखने का निर्देश दिया। इस बीच विधायक विद्यासागर सिंह निषाद ने कहा है कि यदि जिला प्रशासन द्वारा पूर्व से तैयारी की गई होती तो यह हादसा टल सकता था। राजकीय मेला में सुरक्षा-व्यवस्था की खुली पोल

राजकीय मेला क्षेत्र में व्यवस्था की भारी कमी थी। न तो समुचित शौचालय की व्यवस्था की गई थी और न ही पेयजल भी पर्याप्त था। नेपाल सहित संपूर्ण देश के विभिन्न राज्यों एवं जिलों से पहुंचे लाखों श्रद्धालुओं के लिए पेयजल की किल्लत दिखाई पड़ रही थी। श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक थी कि पेयजल की उपलब्ध व्यवस्था ऊंट के मुंह में जीरे का फोरन साबित हो रहा था। पेयजल के लिए लोग इधर-उधर भटकते नजर आ रहे थे। जहां कहीं पेयजल की सुविधा दिखाई देती थी वहीं टूट पड़ते थे। मेले में खो गए दर्जनों बच्चे, बूढ़े व जवान

राजकीय मेला में क्षेत्र से पहुंचे दर्जनों बच्चे, बूढ़े, जवान एवं महिला अपने परिजन से बिछड़कर खो गए। मेला समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार ध्वनि विस्तारक यंत्रों से घोषणाएं कर खो चुके लोगों के परिजनों को बार-बार बुलाया जा रहा है। इस बार मेले की विशालता को देखते हुए मेले में खोने वाले लोगों की संख्या बहुत बड़ी रही। मेला में नंगे तारों से हुई विद्युत आपूर्ति

राजकीय मेला क्षेत्र में बिजली विभाग द्वारा कई स्थानों पर बिजली के नंगे तारों से विद्युत आपूर्ति की गई थी। ऐसे स्थानों पर किसी भी क्षण भीषण हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता था। कई लोगों ने अतिशीघ्र बिजली के नंगे तार की बजाय कवर तार लगाने की मांग की है। ताकि किसी भी प्रकार का हादसा नही हो। घायलों के इलाज के लिए आए चिकित्सा दल भागे

राजकीय मेला क्षेत्र में शुक्रवार की रात दुर्घटना में श्रद्धालुओं की मौत के बाद आक्रोशित लोगों द्वारा किए गए उत्पात को देखते हुए मेला में मरीजों के इलाज के लिए आए सरकारी चिकित्सा दल का कैंप छोड़कर भाग खड़े हुए। सरकारी चिकित्सा दल के पलायन कर जाने के बाद प्रखंड के ग्रामीण चिकित्सक संघ द्वारा चिकित्सा की कमान संभाली गई। प्रखंड ग्रामीण चिकित्सक संघ अध्यक्ष डॉ मनोहर प्रसाद सिंह के अनुसार प्रखंड के सभी ग्रामीण चिकित्सकों के सहयोग से मुफ्त चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया है।


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