यहां सुरक्षा प्रहरी हैं खुद असुरक्षित
समस्तीपुर । सरकार पुलिस विभाग को आधुनिक इमारतों और हाइटैक उपकरणों से अपडेट करने में लगी है। वहीं शहर
समस्तीपुर । सरकार पुलिस विभाग को आधुनिक इमारतों और हाइटैक उपकरणों से अपडेट करने में लगी है। वहीं शहर में वर्षों पुराने पुलिस नाकों की स्थति में कोई सुधार नहीं दिखा रहा है। मरम्मत के अभाव में नाकाओं की स्थति जर्जर हो चुकी है। साथ ही मूलभूत सुविधाओं का भी घोर अभाव है। वर्षों पुराने इमारत में जगह- जगह दरारें आ चुकी है, जिससे होकर बड़े-बड़े जंगली पौधे उग आए हैं। दीवार से लेकर छत का एस्बेस्टस टूटकर गिर रहा है। इसके आलावा पेयजल, शौचालय, रोशनी समेत मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। जिसके कारण सुरक्षा के जिम्मेदार आज खुद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वहीं काशीपुर नाका का जर्जर इमारत खंडहर में तब्दील हो चुका है। सुरक्षा कर्मियों के रहने के लिए एक हालनुमा बैरक है। जिसमें जगह-जगह दरारें आ चुकी है। छत की जगह लगे एस्बेस्टस के टुकड़े टूटकर गिर रहे हैं। किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। जिसके कारण सुरक्षा कर्मी हमेशा अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। पेयजल, शौचालय, रोशनी समेत मूलभूत सुविधाओं का भी घोर अभाव है। सामने बस पड़ाव को लेकर लोग यत्र तत्र कचरा फैलाते हैं, जिससे हमेशा दुर्गंध आती रहती है। यहां पुलिस नाका भवन का निर्माण कब हुआ यह कार्यरत कर्मियों को मालूम नहीं है। नाका प्रभारी अवर निरीक्षक रुपजीतन साह ने बताया कि नाका में मूलभूत सुविाओं का घोर अभाव है। शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से खुले में शौच के लिए जाना मजबूरी है। चापाकल खराब होने से पेयजल की समस्या बनी रहती है। पानी के लिए दूर जाना होता है। इधर बस स्टैंड में गंदगी से तेज दुर्गंध आती है। दिन में विषैले मच्छरों का प्रकोप रहता है। इसमें प्रभारी, विनोद कुमार यादव, हवलदार उमेश नाथ महतो, विनोद कुमार यादव और चार होमगार्ड के जवान राजकिशोर ¨सह, महेश ठाकुर, श्याम नारायण यादव, राजचंद्र यादव कार्यरत हैं। इसके अलावा शहर के आसपास जितवारपुर नाका तथा माधुरी चौक स्थित नाका की स्थिति भी काफी दयनीय है।