हसनपुर बाजार में दिनभर रहता जाम, लोगों को परेशानी
समस्तीपुर। जिले का हसनपुर विधानसभा क्षेत्र विकास के मामले में निचले पायदान पर है। यह पिछड़े क्षेत्रों में शुमार है।
समस्तीपुर। जिले का हसनपुर विधानसभा क्षेत्र विकास के मामले में निचले पायदान पर है। यह पिछड़े क्षेत्रों में शुमार है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के कारण हर साल यहां की फसल तबाह होती है। जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है। खेती-किसानी की बात हो या फिर रोजी-रोजगार की, हर मामले में यह पिछड़ा हुआ है। हसनपुर विधानसभा में हसनपुर, बिथान के अलावा सिघिया प्रखंड की पांच पंचायतें आती है। यह खगड़िया लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। खगड़िया से जो भी सांसद अब तक जीते हैं, उन सभी ने इस क्षेत्र को उपेक्षित ही रखा है। चुंकि समस्तीपुर जिला का एक मात्र विधानसभा खगड़िया में पड़ता है, इस वजह से न तो सांसद इस पर ज्यादा ध्यान दे पाते हैं और न हीं अधिकारी ही। हसनपुर बाजार में दिनभर जाम की स्थिति रहती है। खासकर जब ईख की पेराई शुरू होती है तो आठ-आठ घंटे लोग जाम में फंसे रहते हैं। कई बार बाइपास निर्माण का मुद्दा उठा लेकिन अभी तक किसी ने भी इस पर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। प्रस्तुत है हसनपुर से संवाददाता विमलेंद्र कुमार मुन्ना की रपट।
--- खगड़िया लोकसभा का चुनाव का मतदान तीसरे चरण में 23 अप्रैल को होना है। मतदान में अब महज कुछ ही दिन शेष बचे हैं। इस वजह से सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है। सभी प्रमुख दलों के उम्मीदवार भी मतदाताओं के पास पहुंचकर अपने पक्ष में मतदान करने को लेकर आग्रह कर रहे हैं। एक बार फिर आश्वासन दिया जा रहा है। समस्याओं को हल करने के लिए ठोस कदम उठाने की बात कर रहे हैं। हर बार की तरह इस बार भी क्षेत्र का पिछड़ापन सबसे बड़ा मुद्दा है। यहां की मूलभूत समस्याएं सभी को अपनी ओर खींच रही है। लोगों के जीवन स्तर में बदलाव को लेकर बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं। बाढ़ का स्थायी निदान हो या फिर क्षेत्र की प्रमुख बड़ी समस्या, इस पर कोई नहीं कुछ बोल रहा है। लेकिन मतदाता अपनी समस्याओं को जोर-शोर से उठा रहे हैं। इस बार भी हसनपुर बाजार में लगने वाला जाम प्रमुख समस्या है। इस समस्या से लोगों को छुटकारा चाहिए। इसलिए सभी प्रत्याशियों के समक्ष इसे रख रहे हैं। जिसके आश्वासन पर भरोसा होगा, उसके पक्ष में मतदान करने की बात करते हैं। जिला मुख्यालय से है 60 किलोमीटर दूर है हसनपुर
जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है हसनपुर प्रखंड। आजादी के 72 साल बीत जाने के बाद भी यहां के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। रोटी, कपड़ा और मकान को लेकर आज भी यहां के लोग जद्दोजहद कर रहे हैं। प्रदूषण की समस्या से भी यहां के लोग ज्यादा परेशान हैं। सबसे ज्यादा परेशानी हसनपुर बाजार में दिनभर लगने वाला जाम है। यह कोई एक-दो दिन नहीं बल्कि सालोंभर यही स्थिति रहती है। खासकर जब चीनी मिल में पेराई शुरू होती है तो सैकड़ों गाड़ियों की कतार लग जाती है। इसमें ट्रक से लेकर बैलगाड़ी तक शामिल रहती है। इस स्थिति में न सिर्फ बाजार आने वाले लोगों को परेशानी होती है बल्कि यहां के व्यवसायियों को भी इसके कारण ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। उनका कारोबार प्रभावित होता है। इलाज के लिए आने वाले मरीजों को दिक्कतें होती है। वहीं स्कूल करने वाले छोटे-छोटे बच्चे भी प्रभावित होते हैं। वे समय से न तो स्कूल पहुंच पाते हैं और न ही घर ही। मक्का लदान के कारण भी होता है जाम
समस्तीपुर मंडल में सबसे ज्यादा मक्का का लदान हसनपुर रोड रेलवे स्टेशन से होता है। हसनपुर, विथान, रोसड़ा समेत जिले के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा खगड़िया जिला से भी यहां मक्का को लाया जाता है। यहां लाने के बाद ट्रेन से उसे गुजरात समेत अन्य राज्यों में भेजा जाता है। औसतन हर साल यहां से आठ से दस ट्रेन मक्का का लदान होता है। इस वजह से भी ज्यादा जाम की समस्या बनी रहती है। लंबे अरसे से उठ रहा बाइपास निर्माण का मुद्दा
हसनपुर बाजार को अतिक्रमण से मुक्त कराने के साथ-साथ प्रतिदिन लगने वाले जाम से निजात के लिए कई बार जोर-शोर से इस मुद्दे को उठाया गया। विधानसभा में भी यह मुद्दा उठा। स्थानीय विधायक ने इस समस्या को जोरदार ढंग से उठाते हुए बाईपास निर्माण की आवश्यकता उठाई। बावजूद अब तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। आश्चर्य की बात तो यह है कि दो साल पहले बाईपास निर्माण को लेकर आरसीसी पुल का निर्माण कराया जा चुका है। बावजूद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। हसनपुर के 2 लाख 72 हजार 239 मतदाता लेंगे मतदान में हिस्सा
खगड़िया लोकसभा चुनाव को लेकर 23 अप्रैल को होने वाले मतदान में हसनपुर विधानसभा क्षेत्र के 2 लाख 72 हजार 239 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इसमें 1 लाख 43 हजार 697 पुरुष और 1 लाख 28 हजार महिला मतदाता हैं। ट्रांसजेंडर मतदाता मात्र एक हैं। कुल 274 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जो 174 भवनों पर अवस्थित हैं। खगड़िया लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे 20 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला यहां के भी मतदाता करेंगे।