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नाजिरपुर में एक साथ उठीं चार अर्थियां, माहौल गमगीन

उजियारपुर प्रखंड के नाजिरपुर पंचायत में शुक्रवार को धंसना में दबकर चार लोगों की हुई मौत के दूसरे दिन भी गांव का वातावरण काफी गमगीन और मातम से भरा रहा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 11:26 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 11:26 PM (IST)
नाजिरपुर में एक साथ उठीं चार अर्थियां, माहौल गमगीन
नाजिरपुर में एक साथ उठीं चार अर्थियां, माहौल गमगीन

समस्तीपुर । उजियारपुर प्रखंड के नाजिरपुर पंचायत में शुक्रवार को धंसना में दबकर चार लोगों की हुई मौत के दूसरे दिन भी गांव का वातावरण काफी गमगीन और मातम से भरा रहा। लोग छठ पर्व मनाने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच हुई इस दुखद तथा अत्यंत पीड़ाजनक घटना ने गांव के माहौल को ही उदास कर डाला। गांव के चार लोगों की अर्थी उठने से पूरा नाजिरपुर गांव गमगीन है। वहीं जख्मी के परिजनों में भी मायुसी का आलम बना रहा।

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वार्ड 4 निवासी मंगल दास के 14 वर्षीय पुत्र 9 वीं कक्षा के छात्र मृतक अमित कुमार के घर पर सगे-संबंधी आए हुए हैं। सभी उनके माता-पिता को सांत्वना देते हैं। मां विभा देवी अपने पुत्र के ख्याल में अपना सुध-बुध खो चुकी है। अमित का दाह संस्कार तेघड़ा स्थित गंगा नदी के अयोध्या घाट में ले जाकर कर दिया गया। पिता मंगल दास ने कहा कि शुक्रवार को अमित और उसकी छोटी बहन पूजा के साथ छठ पूजा के लिए पोखरा किनारे से मिट्टी लाने गया था। कुछ ही समय बाद पूजा दौड़ती हुई घर पर आई और बोली कि उसका भाई धंसना में दब गया। यह सुनकर व्याकुल होकर परिवार के लोग पोखर की ओर दौड़े। परंतु अमित धंसना के नीचे ही दम तोड़ चुका था।

दूसरे मृतक लालो पासवान के घर पर भी शनिवार को रूदन और क्रंदन का माहौल ही बना रहा। पत्नी कालो देवी का रो-रोकर हाल बेहाल है। मजदूरी करनेवाला उसका पति पर्व के मौके पर ही छोड़कर दुनिया से चला गया। दो लड़के कुंदन और चंदन तो शादीशुदा हो चुके है। परंतु नीतीश और चांदनी का विवाह अभी नहीं हुआ है। पति के बगैर इन दोनों का विवाह करने की ¨चता कालो देवी को रूला रही है। पति की मजदूरी से ही घर के सदस्यों का भरण-पोषण होता था। लालो पासवान का अंतिम संस्कार झमटिया घाट में किया गया। मुखाग्नि बड़े पुत्र चंदन ने दिया।

तीसरे मृतक कुमारी रूना के घर पर भी परिजन शोकमग्न थे। पति राजकुमार ¨सह दिवाली के एक दिन पहले दिल्ली से मजदूरी करके लौटा था। इस आशा से कि घर पर दिवाली और छठ पूजा मनाकर पुन: दिल्ली रवाना होंगे। परंतु बीच में ही उनकी पत्नी की मृत्यु धंसना में दबकर मौत होने से वे बेबश हैं। उनके सिर पर 6 बच्चों का बोझ आ गया है। बगैर पत्नी के वे इसे कैसे झेल पाएंगे। बड़ी लड़की ¨रकू कुमारी का तो विवाह हो चुका है। परंतु खुश्बू, साजन, काजल, विश्वानंद तथा डोली अभी पढ़ाई कर रही थी। अब इन बच्चों के सिर से मां की ममता का हाथ हट गया।

चौथे मृतक राजकुमारी के घर पर भी सन्नाटा छाया रहा। उनके घर के सदस्य दाह संस्कार के लिए तेघड़ा गए थे। पड़ोस के एक लड़के ने बताया कि इनके दोनों पुत्र शादीशुदा है। शुकवार को पति और पत्नी मिट्टी लाने पोखरा गए थे। इसी बीच धंसना गिरने की सूचना लोगों को मिली। जब लोग स्थल पर पहुचें तो राजकुमारी देवी को मृत पाया गया।


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