सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की होगी तैनाती
सदर अस्पताल में लाश का पोस्टमार्टम कराने का मामला बुधवार की रात्रि आखिरकार सुलझ ही गया। बुधवार को महिला के शव का पोस्टमार्टम समस्तीपुर-दरभंगा फिर समस्तीपुर का चक्कर लगाने के बाद सदर अस्पताल में ही कराया गया।
समस्तीपुर । सदर अस्पताल में लाश का पोस्टमार्टम कराने का मामला बुधवार की रात्रि आखिरकार सुलझ ही गया। बुधवार को महिला के शव का पोस्टमार्टम समस्तीपुर-दरभंगा फिर समस्तीपुर का चक्कर लगाने के बाद सदर अस्पताल में ही कराया गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य प्रशासन की ओर से फॉरेंसिक एक्सपर्ट चिकित्सक मिलने से राहत की सांस ली है। स्वास्थ्य उपकेंद्र भिरहा में चिकित्सा पदाधिकारी के पद पर तैनात डॉ. आरबी शर्मा को पोस्टमार्टम कार्य के लिए तैनात करने पर विचार किया जा रहा है। वहीं, पोस्टमार्टम कार्य में सहयोग करने के लिए मधुबनी से दैनिक मजदूरी पर दो-दो सहायक को बुलाया गया है। सदर अस्पताल पहुंचे डीएम, अधिकारियों को लगाई फटकार
जिलाधिकारी के सख्त आदेश की वजह से पिछले कई दिनों से यह मामला गहराया हुआ था। बुधवार को दलसिंहसराय के घटहो निवासी आनंदी राय की पत्नी आशा सुनीता देवी का सड़क हादसे में मौत के पुलिस के साथ-साथ परिजनों को भी पोस्टमार्टम कराने में काफी परेशानी हुई। सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम नहीं होने की वजह से पुलिस शव को लेकर पोस्टमार्टम के लिए बिना रेफर कराए ही डीएमसीएच चली गई। जहां पर पोस्टमार्टम करने से इन्कार कर दिया गया। इसके बाद पुलिस दरभंगा से कागजात लेकर सदर अस्पताल समस्तीपुर पहुंची। जहां पर उपाधीक्षक ने बिना शव को देखे पोस्टमार्टम करने के लिए रेफर करने से इन्कार कर दिया। पुलिस अधीक्षक ने शव का दरभंगा में पोस्टमार्टम कराने को लेकर जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा। अंतत: कुछ भी परिणाम नहीं निकलता देखकर परिजन दरभंगा से शव लेकर समस्तीपुर पहुंचे। इसके बाद सदर अस्पताल के समीप गोलंबर के सामने सड़क जाम कर दिया। इस बीच मामले की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी भी तुरंत सदर अस्पताल पहुंचे। इसके बाद लाश को पोस्टमार्टम कराया गया। डीएम ने अस्पताल सीएस व डीएस को भी पोस्टमार्टम होने में विलंब को लेकर जमकर फटकार लगाई। पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर होमगार्ड जवान की हुई तैनाती
पोस्टमार्टम कक्ष में अनाधिकृत लोगों के प्रवेश पर पूर्णत: रोक लगा दी गई है। डीएम के आदेश पर पोस्टमार्टम कक्ष के बाहर दो होमगार्ड जवानों की भी तैनाती कर दी गई है। इसके अलावा मंजू के बेटे से पोस्टमार्टम कक्ष में लगे ताला के चाबी बुधवार को अस्पताल प्रशासन ने दबाव बनाकर ले लिया। साथ ही अनाधिकृत लोगों को पोस्टमार्टम कक्ष की ओर जाने से भी रोक लगा दी गई। मंगलवार को दबाव की वजह से पुन: मंजू के बेटे दीपक की मदद से ही पोस्टमार्टम कार्य कराया गया। इसके बाद बुधवार को फिर से इसपर रोक लगा दी गई। बुधवार को दलसिंहसराय थाना से संबंधित एक लाश को पोस्टमार्टम के लिए सीधे डीएमसीएच भेज दिया गया। जहां से डीएमसीएच प्रशासन ने उसे पुन: समस्तीपुर लौटा दिया। इसके बाद समाचार लिखे जाने तक कागजी प्रक्रिया चल रही थी। मंगलवार को आश्वासन देकर कराया दो लाश का पोस्टमार्टम
सदर अस्पताल में मंगलवार को हलई ओपी से पोस्टमार्टम के लिए पुलिस शव लेकर पहुंची थी। बनबीरा गांव निवासी सुरेश राम के पुत्र सचिन कुमार राम की सोमवार को तालाब में नहाने के दौरान डूबने से मौत होने के बाद शव को मंगलवार को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल लाया गया था। इसका पोस्टमार्टम करने में हो रही परेशानी की वजह उपाधीक्षक डॉ. अमरेंद्र नारायण शाही और ऑन ड्यूटी चिकित्सक डॉ. उमाशंकर सिंह ने डीएमसीएच रेफर कर दिया। इसके बाद परिजनों की ओर से विरोध शुरू हो गया। हलई ओपी अध्यक्ष ने तत्काल पूरे मामले से पुलिस अधीक्षक को अवगत करा दिया। इसके अलावा मोहिउद्दीनगर में एक के डूबने से संबंधित मामले में भी युवक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूरे मामले की जानकारी गृह राज्यमंत्री सह उजियारपुर सांसद नित्यानंद राय को दी गई। जिसके बाद उनके निजी सचिव ने अधिकारियों से वार्ता की। इसके बाद मंजू के पुत्र दीपक से पोस्टमार्टम कार्य में सहयोग लिया गया। अवैध राशि मांगने का लगा था आरोप
सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद मृत शरीर की सिलाई एवं साफ-सफाई के लिए पिछले कई वर्षों से मंजू कार्यरत थी। उसपर मृतक के परिजनों से अवैध रूप से राशि की मांगने का आरोप लगा था। इस मामले को डीएम ने गंभीरता से लेते हुए उसे कार्य से हटाने का आदेश दिया। जिसके बाद से ही कार्य को लेकर परेशानी उत्पन्न हो रही थी। स्वास्थ्य कर्मियों को ड्यूटी करने में हो रही थी परेशानी
सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कार्य संपादित करने को लेकर स्वास्थ्य कर्मी नागेंद्र मल्लिक और भोला मल्लिक को आदेश जारी किया गया था। इस मामले में भोला मल्लिक ने पत्र ले लिया जबकि नागेंद्र ने पत्र लेने से इन्कार कर दिया। फिर प्रशासनिक दबाव के बाद उसने भी सोमवार को पत्र लिया। लेकिन, कार्य करने से इन्कार कर दिया। इस पर प्रशासनिक स्तर पर उसे कार्य नहीं करने के एवज में स्वास्थ्य प्रशासन से बर्खास्त करने को लेकर चेतावनी दी गई है।