Move to Jagran APP

देश में पहली बार बिहार के उपचुनाव में हुआ इस तकनीक का उपयोग, लोग बोले-भई वाह!

देश में पहली बार बिहार के समस्तीपुर लोकसभा उपचुनाव में क्यू आर कोड से मतदान करवाया गया। यह तरीका मतदाताओं को बहुत पसंद आया। वहीं इस तकनीक से गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं होगी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 12:05 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 11:00 PM (IST)
देश में पहली बार बिहार के उपचुनाव में हुआ इस तकनीक का उपयोग, लोग बोले-भई वाह!
देश में पहली बार बिहार के उपचुनाव में हुआ इस तकनीक का उपयोग, लोग बोले-भई वाह!

 समस्तीपुर, जेएनएन।  लोकसभा उपचुनाव में इस बार नई तकनीक का इस्तेमाल किया गया। देश में पहली बार मोबाइल एप से वोटरों की पहचान और मिलान की गई। मोबाइल एप के माध्यम से वोटरों को दी गई पर्ची का क्यूआर कोड स्कैन किया गया। स्कैन के साथ ही वोटर की तस्वीर, नाम आदि विवरण उनके सामने आया। इससे उनकी सही पहचान हो सकी। गलत आदमी को वोटिंग करने से रोका गया।

loksabha election banner

साथ ही, स्कैन के बाद मतदाताओं को उनकी लाइन के बारे में जानकारी भी दी गई। जिससे वे रिलैक्स होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। उन्हें लाइन में लगे रहने की जरूरत नहीं पड़ी। इस व्यवस्था की पूरी तरह निगरानी की जाती रही। मतदाता इस तकनीक का प्रयोग कर खुश नजर आए और कहा कि ये सबसे आसान तरीका है। 

पहली बार किसी चुनाव इस तकनीक का हुआ प्रयाेग 

लोकसभा उपचुनाव में इस बार नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा। जिलाधिकारी सह निर्वाची पदाधिकारी शशांक शुभंकर ने बताया कि देश में पहली बार मोबाइल एप से वोटरों की पहचान और मिलान किया जाएगा। मोबाइल एप के माध्यम से वोटरों को दी गई पर्ची का क्यूआर कोड स्कैन किया जाएगा। स्कैन के साथ ही वोटर की तस्वीर, नाम आदि विवरण उनके सामने आ जाएगा।

इसका फायदा यह होगा कि अगर कोई फर्जी आदमी है तो तत्काल उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।  गलत आदमी को वोटिंग करने से रोका जा सकता है। साथ ही, स्कैन के बाद मतदाताओं को उनकी लाइन के बारे में जानकारी मिल जाएगी। जिससे वे रिलैक्स होकर कहीं बैठ सकते हैं। उन्हें लाइन में लगे रहने की जरूरत नहीं होगी। इस व्यवस्था की पूरी तरह निगरानी की जाएगी।

वोटिंग प्रतिशत की तत्काल मिलेगी जानकारी

जिलाधिकारी ने बताया कि इस एप से वोटिंग प्रतिशत की जानकारी अपडेट होती रहेगी। हमें बाद में मिलान की जरूरत नहीं पड़ेगी। पोलिंग बूथ की जानकारी भी मुख्यालय को मिलती रहेगी। किसी बूथ पर लाइन लगी है या गड़बड़ी है। कर्मी ठीक से काम नहीं कर रहे, सभी बातों की जानकारी मिलती रहेगी।

उनकी मॉनीटरिंग हो सकेगी। उन्होंने बताया कि यह सुविधा प्रयोग के तौर पर केवल समस्तीपुर विधानसभा क्षेत्र में लागू किया जा रहा। अगर यह तकनीकी सफल रही तो विधानसभा चुनाव में इसका इस्तेमाल किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.