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कृषि यंत्र प्रशिक्षण केंद्र से किसानों को मिलेगी कई सुविधाएं

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में कृषि यंत्र प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करते हुए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि इस केंद्र से किसानों को काफी सविधाएं मिलेगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 06:03 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 06:03 PM (IST)
कृषि यंत्र प्रशिक्षण केंद्र से किसानों को मिलेगी कई सुविधाएं
कृषि यंत्र प्रशिक्षण केंद्र से किसानों को मिलेगी कई सुविधाएं

समस्तीपुर । डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में कृषि यंत्र प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करते हुए कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा है कि इस केंद्र से किसानों को काफी सविधाएं मिलेगी। यह सूबे का पहला केंद्र है। मंत्री ने हाल में ही 206 प्रखंडों के अलावा 69 और प्रखंड को सूखाग्रस्त घोषित किए जाने को किसानों के लिए सरकार के द्वारा दी गई उपलब्धियों को भी गिनाया। कहा कि धान एवं मक्के की अच्छी रोपाई राज्य के किसानों ने की थी लेकिन हथिया नक्षत्र में वर्षा नहीं होने के कारण काफी नुकसान हुआ। इसे देखते हुए सरकार ने डीजल अनुदान के साथ-साथ फसल क्षति मुआवजा भी किसानों को देने का निर्णय लिया है। कहा कि बिहार में कृषि यंत्रों का उपयोग बहुत बड़े पैमाने पर होता है। ऐसे में यंत्र का प्रशिक्षण होना आवश्यक था। इसे देखते हुए इस योजना हेतु केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को 1 करोड़ 24 लाख रुपया इस प्रशिक्षण केंद्र खोलने के लिए उपलब्ध कराया गया। उन्होंने कहा कि किसानों को ऑनलाइन फसल क्षति के लिए 15 नवंबर तक की तिथि निर्धारित की गई है। सभी किसानों को समय रहते मुआवजा उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप बनने के बाद चावल गेहूं एवं मक्का में सूबे में रिकॉर्ड उत्पादन किया जा रहा है। इस उत्पादन में किसान एवं वैज्ञानिकों का योगदान काफी सराहनीय है। मंत्री ने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार के द्वारा पैसे की कमी कभी भी नहीं की जाएगी। उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय पूसा एवं सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कार्यों को काफी सराहनीय बताया। मंत्री ने कृषि यंत्र बैंक की स्थापना पर भी पूरी अनुदान देने की बात कही। कहा कि 10 लाख की लागत से अगर कृषि यंत्र बैंक की स्थापना होती है तो 8 लाख सरकार अनुदान देगी इसी तरह 25 एवं 40 लाख तक के लागत से किसी यंत्र की स्थापना की जाए तो सरकार उसे उसी के अनुरूप अनुदान देगी। मौके पर मौजूद भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक किसानों की बेहतरी के लिए नित नए प्रयोग कर रहे हैं। विश्वविद्यालय दिनानुदिन आगे बढ़ रहा है। केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनने से विश्वविद्यालय विकास की ओर अग्रसर है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर आर सी श्रीवास्तव ने राज्य सरकार से मिल रहे सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि किसानों के लिए वैज्ञानिक तत्पर हैं। कम खर्च में किसानों को अधिक से अधिक सुविधा मिल सके इसके लिए विश्वविद्यालय द्वारा हमेशा अनुसंधान किया जा रहा है। ज्ञात हो कि पूरे देश में कृषि यंत्र प्रशिक्षण केंद्र के लिए 29 केंद्र बनाए जाने की योजना है। जिसमें बिहार में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा एवं सबौर कृषि विश्वविद्यालय का चयन किया गया है। यह सूबे का पहला कृषि यंत्र प्रशिक्षण केंद्र है। यहां पर कृषि यंत्र निर्माता के द्वारा उत्पादित यंत्रों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उस प्रशिक्षण के उपरांत सही पाए जाने पर यहां से दिए गए प्रमाणपत्र पर ही सरकार के द्वारा किसानों को अनुदान प्राप्त होगा। कार्यक्रम के मौके पर हीं विश्वविद्यालय के डॉ. केएम ¨सह, अनुसंधान निदेशक डा. मिथिलेश कुमार, डा. एके मिश्रा के अलावा भाजपा जिलाध्यक्ष रामसुमरन ¨सह, लोजपा जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार कुशवाहा, जदयू प्रखंड अध्यक्ष रणधीर कुमार, चितरंजन राय, गोपाल पटेल अशोक पासवान, देव शंकर ठाकुर सहित दर्जनों नेता मौजूद रहे।

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