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खेतों में जलजमाव से किसान त्रस्त, अगली फसल पर भी ग्रहण

समस्तीपुर। लगातार हो रही वर्षा को लेकर किसानों के खेतों में जलजमाव है। इससे किसान त्रस्त हो चुके हैं। खेतों में लगी फसल तो पहले ही बर्बाद हो चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 11:28 PM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 11:28 PM (IST)
खेतों में जलजमाव से किसान त्रस्त, अगली फसल पर भी ग्रहण
खेतों में जलजमाव से किसान त्रस्त, अगली फसल पर भी ग्रहण

समस्तीपुर। लगातार हो रही वर्षा को लेकर किसानों के खेतों में जलजमाव है। इससे किसान त्रस्त हो चुके हैं। खेतों में लगी फसल तो पहले ही बर्बाद हो चुकी है। जलजमाव को देख किसानों को अगली फसल पर भी संशय है। लगातार बारिश होने से प्रखंड क्षेत्र के सभी पंचायत के गांव घरों के पास के ऊंचे इलाके की खेतों में भी जलजमाव हो चुका है। इतना ही नहीं प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली बागमती नदी में उफान आने के कारण कई गांव में नदी का पानी फैल चुका है। इसमें नामापुर बघला सोरमार पंचायत का अकोना, गंगोरा, फुलहटा, तीरा, गोबरसीठा, बरहेता, कमरगामा, बखरी, धुव्रगामा, रतवारा, जितवरिया, रमदीरी, खरसंड पूर्वी, पश्चिमी, गोविदपुर खजूरी चौर, अजना, मंजिल मुबारक, जखडा, वासुदेवपुर चौर, मिर्जापुर कठेला चोर, हजपुरवा, सोमनाहा, बलहा, रामभद्रपुर, कोयलाम गुमला समेत कोई गांव ऐसा नहीं है जहां की खेत जलप्लावित न हो। किसानों का कहना है कि अगली रबी की फसल मक्के की फसल कहां होगी। तीन चार महीने धूप होने के बाद भी पानी नहीं सूख पाएगा। यदि वर्षा की रफ्तार ऐसी ही रही तो बचे हुए घरों में भी पानी घुस जाएगा। वैसे कई गांव में पानी तो है ही। पशुओं के चारा पर भी ग्रहण लग चुका है। किसानों के दर-दर भटकने के बाद भी हरे चारे नहीं मिल रहे हैं। 15 दिन पूर्व 670 में मिलने वाली 37 किलो का पशु आहार का वर्तमान मूल्य 770 हो चुका है। जलजमाव से त्रस्त कई गांव के किसानों ने जगह जगह जल निकासी को लेकर यातायात भी घंटों बाधित किया। खेतों में लगी फलदार पौधे भी सूख चुके हैं।

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जटमलपुर के उमेश चौधरी का कहना है कि कृषि विभाग द्वारा बागवानी मिशन पर जोड़ दिया गया। खेतों में आम, नींबू आदि की फसल लगाई। वह भी बर्बाद हो गई। उपजाऊ खेतों में जलजमाव इतनी है कि अगली रबी की फसल मक्के की फसल नहीं हो पाएगी। भीषण अकाल की संभावना दिख रही है। फोटो : 39

सिमरिया भिडी के किसान सामांत कुमार का कहना है कि निचले इलाके की खेत में इतना जलजमाव है कि लगी फसल तो बर्बाद ही हो चुकी आगामी फसल पर भी ग्रहण लग गया है।

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मोहनपुर गांव के प्रभु कुशवाहा का कहना है कि जलजमाव को लेकर मथुरापुर पंचायत के सभी गांव के किसान त्रस्त हैं। किसानों के परिजन दिन रात मायूस हैं। बच्चों के पठन-पाठन की तो बात छोड़िए खाने पर भी आफत होने वाला है।

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हजपुरवा पंचायत के किसान राजदेव साह का कहना है कि इतना अधिक जलजमाव हो जाने से खेतों में लगी फसल पशु चारा तो बर्बाद हो ही चुकी है। इलाके के लगभग 2000 एकड़ की फसल बर्बाद हो चुकी है। आगे भी फसल की संभावना नहीं दिख रही है। फोटो : 35

मधुरापुर पंचायत की महिला किसान अनुराधा कुमारी का कहना है कि भारी वर्षा से कल्याणपुर प्रखंड के अधिकतर किसानों की खेतों में जलजमाव हो गया है। इतना ही नहीं घर के अगल-बगल भी जलजमाव है। जल निकासी का अभी कोई उपाय भी नहीं दिख रहा है। सब्जी की खेती भी नष्ट हो चुकी है।

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खरसंड पूर्वी भी के किसान रविशंकर सिंह का कहना है कि रतवारा से लेकर रामभद्रपुर, गुमला, कोयलाम किसानों के खेतों में जलजमाव को लेकर फसलें नष्ट हो चुकी है। भीषण अकाल की संभावना है। खेतों में जलजमाव से स्थाई निदान होना अत्यावश्यक है।


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